UP से होकर गुजरता है देश की सत्ता का रास्ता, जानें BJP के लिए पूर्वांचल के मायने

Edited By Anil dev,Updated: 18 Sep, 2018 05:50 PM

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 68 वां जन्मदिवस पर अपने संसदीय क्षेत्र काशी के लोगों के साथ मनाया और साथ ही वाराणसी के लोगों को करोड़ों की विकास परियोजनाओं की सौगात दी, जिसके राजनीतिक मायने निकाले जाने लगे हैं।

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना 68वां जन्मदिन अपने संसदीय क्षेत्र काशी के लोगों के साथ मनाया और वाराणसी के लोगों को करोड़ों रुपए की विकास परियोजनाओं की सौगात दी, जिसके राजनीतिक मायने निकाले जाने लगे हैं। 

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देश की सत्ता का रास्ता है यूपी 
2019 के चुनावों से पहले पीएम मोदी का पूर्वांचल को साधना जरूरी है। देश की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है और उत्तर प्रदेश को जीतने के लिए पूर्वांचल को जीतना बेहद जरूरी है। इसी रणनीति को अपनाकर बीजेपी ने 2014 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीतकर कर सत्ता हासिल की। बीजेपी ने एक बार फिर 2019 लोकसभा चुनाव के लिए मिशन पूर्वांचल चालू कर दिया है। 

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पूर्वांचल को साधने में लगे मोदी 
पूर्वांचल को साधने के लिए पीएम मोदी दो दिन के दौरे पर काशी पहुंचे।। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को 500 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का तोहफा दिया। इस योजना में इलेक्ट्रिकल काम (बिजली ) ओल्ड काशी 36200 लाख, 33 इन टू 11 केवी विद्युत सब स्टेशन बेटावर -279 लाख, अटल इंक्यूबेशन सेंटर 2000 लाख, नागेपुर ग्राम पेयजल योजना -275 लाख, 33 इन टू 11 विद्युत सब स्टेशन कुरुसातो निर्मा-260 लाख का लोकार्पण शामिल है। 

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2014 में वाराणसी से उतरकर विपक्ष का कर दिया था सफाया 
2014 के लोकसभा चुनाव में जब मोदी ने वाराणसी से चुनाव लड़ा था तो पूरे विपक्ष का सफाया कर दिया था। इस चुनाव के नतीजों ने बिहार तक के चुनावों पर असल डाला था। पूर्वांचल की इकलौती आजमगढ़ सीट ही ऐसी थी, जिसे बीजेपी जीत नहीं पाई थी। बाकी पूर्वांचल की सारी सीटें बीजेपी ने अपने नाम की थी। 

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2017 में भी बीजेपी ने अपनाई यही रणनीति 
2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान बीेजेपी ने रणनीति अपनाते हुए चुनाव प्रचार के आखिरी तीन दिन वाराणसी में गुजारे और विपक्षा का पत्ता साफ कर दिया। अब एक बार फिर मोदी ने 2019 फतह करने के लिए काशी को अपना रणक्षेत्र बनाया है। 

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मोदी को रोकने के लिए एकजुट हो रहा विपक्ष 
गौरतलब है कि बीजेपी के खिलाफ पूरा विपक्ष एक हो रहा है। पूर्वांचल के गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उप चुनाव में सपा और बसपा ने एकजुट होकर बीजेपी का सफाया कर दिया था। इसके बाद विपक्ष की एकता पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिली, जहां आरएलडी ने बीजेपी को पटखनी दी। 

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2019 में एकजुट हुआ विपक्ष तो बीजेपी के लिए इतिहास दोहराना मुश्किल
2019 के लोकसभा चुनाव में यदि विपक्ष एक एकजुट हो जाता है तो बीजेपी के लिए 2014 का इतिहास दोहराना लगभग नामुमकिन ही है। बीजेपी को रोकने के लिए विपक्ष का मंथन जारी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बीजेपी को रोकने के लिए हर समझौता करने को तैयार हैं। एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने स्वीकार किया कि 2019 में बीजेपी को रोकने के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि सीटों के समझौते के लिए दो कदम पीछे भी हटना पड़े तो हम तैयार हैं। बीजेपी इस बात को अच्छे से जानती है कि 2019 में जीत दर्ज करने के लिए उसे पूर्वांचल में अपनी पैठ बनाए रखनी होगी। विशेषज्ञों की मानें तो काशी के अलावा पूर्वांचल की बाकी सीटें बीजेपी के हाथ से निकल सकती हैं। 

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मुलायम के गढ़़ आजमगढ़ में सेंध मारने की शुरुआत कर चुकी है बीजेपी 
मिशन 2019 का तानाबाना काशी से बुनने की शुरुआत बीजेपी कर चुकी है, लेकिन उससे पहले बीजेपी ने मुलायम के गढ़ आजमगढ़ में उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी परियोजना पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की नींव रख दी है। बता दें कि ये देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे होगा। 

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