क्या मनोज तिवारी को सिर्फ चुनाव में झोंका जाएगा?

Edited By Anil dev,Updated: 02 Apr, 2019 03:44 PM

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राजनीति में विचारधाराएं पार्टी के साथ बदलती जाती हैं। कभी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ 2009 में सपा के टिकट पर ताल ठोंकने और भाजपा व उनके प्रत्याशियों को जमकर कोसने वाले मनोज तिवारी के सुर-ताल 2014 में पूरी तरह से बदल गए।

नई दिल्ली: राजनीति में विचारधाराएं पार्टी के साथ बदलती जाती हैं। कभी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ 2009 में सपा के टिकट पर ताल ठोंकने और भाजपा व उनके प्रत्याशियों को जमकर कोसने वाले मनोज तिवारी के सुर-ताल 2014 में पूरी तरह से बदल गए। मनोज तिवारी बीजेपी की टिकट पर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली सीट से चुनाव लड़कर संसद पहुंचे। दिल्ली में चूंकि यूपी-बिहार के लोगों की तादाद करीब 40 फीसदी आबादी के रूप में मानी जाती है। दिल्ली में होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों और समारोहों में मनोज तिवारी पहुंचते रहे हैं। ऐसे में पार्टी ने तिवारी का दोहरा लाभ लेने के उद्देश्य से साल 2016 में भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय के हटते ही उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी। 

 तिवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर खेला गया पूर्वांचल कार्ड 
अब इसे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का फार्मूला माना जाए या फिर भाजपा ने तिवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर जो पूर्वांचल कार्ड खेला था उसका परिणाम कि सत्ता विरोधी लहर के बाद भी भाजपा को एमसीडी में जबर्दस्त जीत हासिल हुई। यह पहला अवसर भी था, जबकि भाजपा ने दिल्ली में कमान किसी यूपी-बिहार के शख्स को दी थी। वैसे पार्टी ने भले ही मनोज तिवारी को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनाया हो, लेकिन चुनाव के दौरान और उसके बाद भी अब तक विभिन्न अवसरों पर भाजपा मनोज तिवारी को दूसरे राज्यों में उस प्रचारक की तरह इस्तेमाल करती रही है, जो यूपी और बिहार से दूसरे राज्यों में जाकर बसे मतदाताओं को लुभा सकते हैं। 

पार्टी को मालूम है मनोज तिवारी की स्टार प्रचारक के रूप में अहमियत
यही कारण भी माना जा रहा है कि भले ही पार्टी उन्हें इस बार पुरानी सीट से टिकट पर चुनाव में न उतारे, लेकिन पार्टी को उनकी स्टार प्रचारक के रूप में अहमियत मालूम है। ऐसे में चर्चा है कि पार्टी उनका भरपूर उपयोग चुनाव में प्रचार के लिए करेगी और उन्हें राज्यसभा के रास्ते संसद भेजा जा सकता है। पार्टी उनके स्थान पर नार्थ ईस्ट दिल्ली से वरिष्ठ आईपीएस दीपक मिश्रा के नाम पर भी विचार कर रही है। उनके अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक मोहन सिंह बिष्ट तथा जयभगवान भी इस सीट के संभावितों की लिस्ट में बताए गए हैं। हालांकि अभी तक इस संबंध में कोई पुष्टि नहीं हुई है। 

3 से 9 के बीच कई राज्यों में प्रचार करेंगे तिवारी
भाजपा ने विभिन्न स्टार प्रचारकों की जिम्मेवारी तय करने के साथ ही पहले चरण के चुनाव में कब और कहां प्रचार करना है, सभी को सूचित भी कर दिया है। राज्य की ओर से की गई मांग के आधार पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी 3 से 9 अप्रैल के बीच यूपी, महाराष्ट्र, बिहार के अलावा दक्षिण भारत में भी चुनावी सभाओं में अपना जलवा बिखेरेंगे। बताया जाता है कि करीब डेढ़ दर्जन से अधिक सभाओं में वह शामिल होंगे। उनके नाम की मांग उन राज्यों की ओर से अधिक की गई है जहां पूर्वांचल के लोग बहुतायत में हैं। 

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