गर्भपात की ऊपरी सीमा बढ़ाकर 24 सप्ताह करने के प्रावधान वाला विधेयक राज्यसभा से पारित

Edited By rajesh kumar,Updated: 16 Mar, 2021 06:32 PM

upper limit of abortion to 24 weeks has been passed by rajya sabha

उन्होंने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों के अलावा राज्य सरकारों, विभिन्न पक्षों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), डॉक्टरों और महिला डॉक्टरों के संगठनों से भी इस पर विचार विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में चर्चा के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री...

एजुकेशन डेस्क-  राज्यसभा ने मंगलवार को गर्भ का चिकित्सकीय समापन संशोधन विधेयक 2020 पारित कर दिया जिसमें गर्भपात की मंजूर सीमा को वर्तमान 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह करने का प्रावधान किया गया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने सदन में विधेयक पर हुयी चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इसे व्यापक विचार विमर्श कर तैयार किया गया है।

चर्चा के बाद विधेयक को दिया आकार
उन्होंने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों के अलावा राज्य सरकारों, विभिन्न पक्षों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), डॉक्टरों और महिला डॉक्टरों के संगठनों से भी इस पर विचार विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में चर्चा के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में मंत्रियों का एक समूह (जीओएम) भी गठित किया गया था। उन्होंने कहा कि आचार समिति के साथ भी चर्चा की गयी, तब जाकर इस विधेयक को आकार दिया गया।

विधेयक के जरिए 50 साल पुराने कानून की कमियों को दूर करने का प्रयास
उन्होंने कहा कि लोकसभा में भी इस पर विस्तृत चर्चा हुयी थी और इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया गया था। विधेयक पर हुयी चर्चा में कई सदस्यों ने देश में स्वास्थ्य कर्मियों व सुविधाओं की कमी का जिक्र किया था। उन्होंने इस संदर्भ में कहा कि देश में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिए मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या में बढोतरी पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के जरिए 50 साल पुराने कानून की कमियों को दूर करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि गर्भपात के संबंध में विभिन्न देशों के कानूनों का अध्ययन कर इसे तैयार किया गया है। चर्चा में कई सदस्यों ने कहा था कि इस विधेयक के प्रावधानों से महिलाओं की गरिमा एवं सम्मान पर असर पड़ेगा।

क्या कहना है हर्षवर्धन का
इस संदर्भ में हर्षवर्धन ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ऐसा कोई कानून नहीं बनाएगी जो किसी भी तरीके से महिलाओं के खिलाफ हो या उनके लिए अहितकारी हो। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे पहले सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजने सहित अन्य विपक्षी संशोधनों को अस्वीकार कर दिया वहीं सरकार द्वारा लाए गए संशोधनों को स्वीकार कर लिया। इससे पूर्व कांग्रेस सहित कई दलों ने विधेयक को गहन चर्चा के लिए प्रवर समिति में भेजने की मांग की और कहा कि प्रभावित पक्षों से भी बातचीत की जानी चाहिए। विपक्ष ने कहा कि बलात्कार जैसे मामलों में गर्भपात को लेकर संवेदनशील व्यवहार किया जाना चाहिए तथा विधेयक के प्रावधानों से महिलाओं को गरिमा और न्याय नहीं मिल सकेगा।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!