कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष का हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही 8.30 बजे तक स्थगित

Edited By Yaspal,Updated: 04 Feb, 2021 07:07 PM

uproar in the lok sabha regarding agricultural laws

कांग्रेस, द्रमुक सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने लोकसभा में लगातार तीसरे दिन विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर भारी हंगामा किया। विपक्ष के शोर-शराबे के कारण बृहस्पतिवार को लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद...

नई दिल्लीः कांग्रेस, द्रमुक सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने लोकसभा में लगातार तीसरे दिन विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर भारी हंगामा किया। विपक्ष के शोर-शराबे के कारण बृहस्पतिवार को लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद शाम 8.30 बजे तक के लिये स्थगित कर दी गई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी दलों की नारेबाजी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘आपके कई नेताओं के महत्वपूर्ण प्रश्न हैं। मैं चाहता हूं कि प्रश्नकाल चले। जनता ने आपको जिस लिए चुनकर भेजा है उसे देखते हुए आपका यह व्यवहार उचित नहीं है।''

उन्होंने सदस्यों से कहा कि वे अपनी सीट पर जाएं ताकि सदन सुचारू रूप से चले। उन्होंने कहा कार्यवाही के दौरान नारेबाजी करना और तख्तियां उछालना उचित नहीं है। कई विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण निचले सदन में प्रश्नकाल और शून्यकाल बाधित रहा। चार बार के स्थगन के बाद शाम 7 बजे कार्यवाही शुरू होने पर पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से कहा कि कृपया अपनी सीट पर वापस जाइए और चर्चा आरंभ कराइए। प्रत्येक विषय पर चर्चा आपका अधिकार है। उस अधिकार का उपयोग करिए। हालांकि, सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा। हंगामा थमता नहीं देख अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही शाम रात 8.30 बजे तक के लिये स्थगित कर दी।

इससे पहले, शाम पांच बजे कार्यवाही शुरू होने पर पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने आवश्यक कागजात सभापटल पर रखवाये। लेखी ने सदन को बताया कि केरल के मलप्पुरम से सांसद पी के कुन्हालीकुट्टी ने सदन की सदस्यता से इस्तीफा दिया है और उनका त्यागपत्र लोकसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया है। विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सदन में माध्यस्थम एवं सुलह संशोधन विधेयक 2021 पेश किया जिसमें संस्थागत मध्यस्थता को बढ़ावा देने में उत्पन्न कठिनाइयों को दूर करने और भारत को अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक मध्यस्थता के केंद्र के रूप में बढ़ावा देने की बात कही गई है।

तीन नये कृषि कानूनों पर कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के शोर-शराबे के बीच केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सदन में विधेयक पेश किया। हालांकि बीजू जनता दल के बी महताब ने विधेयक पुरस्थापित किये जाने का विरोध किया। उन्होंने पूछा कि मंत्री बताएं कि विधेयक लाने की इतनी हड़बड़ी क्या है? इस पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि विधेयक को पेश किये जाते समय इस संबंध में सदन के अधिकार पर प्रश्न उठाया जा सकता है, ना कि विधेयक के गुण-दोषों पर। उन्होंने कहा कि महताब ने विधेयक के गुण-दोषों की बात की है, जिस पर वह बाद में विस्तार से अपनी बात रखेंगे। इस दौरान विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा। विपक्षी सदस्य हाथों में तख्तियां लिये हुए थे और ‘किसान विरोधी कानून वापस लो' के नारे लगा रहे थे। वे ‘वी वांट जस्टिस' के नारे भी लगा रहे थे।

इस बीच लेखी ने हंगामा कर रहे सदस्यों से सीट पर जाने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘इससे कुछ हासिल होने वाला नहीं है और ऐसा करके हम जनता के बीच उपहास का पात्र बन रहे हैं।'' लेकिन विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते रहे। हंगामा थमता नहीं देख पीठासीन सभपति लेखी ने सदन की कार्यवाही शाम छह बजे तक स्थगित कर दी। इससे पहले, निचले सदन की कार्यवाही शाम चार बजे शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू करने को कहा। हालांकि कांग्रेस, द्रमुक, वामदलों के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गये। सपा, बसपा और तृणमूल कांग्रेस सदस्यों को अपने स्थान से विरोध करते देखा गया।

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!