Edited By Tanuja,Updated: 21 May, 2020 12:30 PM
कोरोना महासंकट के बीच भारत-चीन के मध्य सीमाओं को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। इस महीने की शुरुआत में भारतीय और चीनी सैनिक ययय
इंटरनेशनल डेस्कः कोरोना महासंकट के बीच भारत-चीन के मध्य सीमाओं को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। इस महीने की शुरुआत में भारतीय और चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में पैंगोंग झील के किनारे आमने-सामने आ गए। अमेरिका इस मुद्दे पर कड़ी नजर रखे हुए है।अमेरिका ने बुधवार को भारत का पक्ष लेते हुए चीन को फटकारते हुए इस कार्रवाई को ‘परेशान करने वाला व्यवहार’ बताया और बीजिंग की कड़ी आलोचना की ।
अमेरिकी अधिकारी एलिस वेल्स ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सीमा विवाद एक चेतावनी थी कि चीन का आक्रमण हमेशा केवल बयानबाजी नहीं है। चाहे वह दक्षिण चीन सागर में हो या भारत के साथ सीमा पर। चीन हमेशा उकसाने और परेशान करने वाला व्यवहार करता रहा है ।
उन्होंने कहा कि चीन का यह उकसाने और परेशान करने वाला व्यवहार सवाल खड़ा करता है कि बीजिंग अपनी बढ़ती शक्तियों का इस्तेमाल कैसे करना चाहता है? चीन के साथ बॉर्डर पर तनाव को लेकर भारत को अपना समर्थन देते हुए अमेरिकी अधिकारी वेल्स ने कहा कि चीन उकसावे और अशांति फैलाने वाली हरकतें करता रहता है, जिसके खिलाफ अमेरिका, भारत, एशियन कंट्रीज और ऑस्ट्रेलिया एकजुट खड़े हैं।
उन्होंने कहा कि हम हम एक ऐसा इंटरनेशनल सिस्टम देखना चाहते हैं जो सभी को फायदा दे। बता दें कि दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका लंबे समय से चीन को ही जिम्मेदार मान रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन पर आरोप लगाते रहे हैं कि चीन ने कोरोना वायरस को सच दुनिया को देर से बताया जिस कारण आज लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैंष ट्रंप ने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन पर भी चीन के लिए सैटेलाइट की तरह काम करने का आरोप लगाया है।