Edited By Tanuja,Updated: 18 Jul, 2018 11:43 AM
हाल ही में अमरीका के अस्टोरिया शहर में हुए कार्यक्रम में सरकारी अधिकारियों ने कहा कि देश के स्कूलों में अब भारत के इतिहास से जुड़े कुछ किस्से पढ़ाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गदर पार्टी का इतिहास अब स्कूलों में पढ़ाया जाएगा इस पार्टी की 105 साल पूरे...
लॉस एंजिल्सः हाल ही में अमरीका के अस्टोरिया शहर में हुए कार्यक्रम में सरकारी अधिकारियों ने कहा कि देश के स्कूलों में अब भारत के इतिहास से जुड़े कुछ किस्से पढ़ाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गदर पार्टी का इतिहास अब स्कूलों में पढ़ाया जाएगा इस पार्टी की 105 साल पूरे होने पर ओरेगन राज्य में आयोजित एक कार्यक्रम में इसकी घोषणा की गई। गदर पार्टी ने ही भारत की पूरी आजादी की मांग की थी और उसने साम्राज्यवाद के खिलाफ हथियारबंद संघर्ष का ऐलान किया था। बता दें कि गदर पार्टी कनाडा और अमरीका में प्रवासी भारतीयों ने 1913 में बनाई थी. इसके संस्थापक अध्यक्ष सरदार सोहन सिंह भकना थे जबकि पार्टी का मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को में था। 21 अप्रैल, 1913 को अमरीका में भारतीयों ने गदर पार्टी की स्थापना की और 'गदर' नाम का साप्ताहिक अखबार निकालने का फैसला किया जिसकी जिम्मेदारी करतार सिंह सराभा को सौंपी गई। इस अखबार में देशभक्ति से पूर्ण जोशीली कविताएं छपती थीं जिसका लोगों पर काफी असर हुआ। इस पार्टी के पीछे लाला हरदयाल की सोच थी । वे अमरीका गए और उन्होंने भारतीय प्रवासियों को जोड़ना शुरू किया और गदर पार्टी की स्थापना की। गदर पार्टी ने अंग्रेजों के खिलाफ देश में विद्रोह के लिए 21 फरवरी, 1915 का दिन तय किया था लेकिन गद्दार मुखबिर किरपाल सिंह ने ब्रिटिश सरकार को इसकी सूचना दे दी। इस बात की भनक जब क्रांतिकारियों को लगी तो उनलोगों ने विद्रोह की तारीख 19 फरवरी कर दी। इसके बारे में भी अंग्रेजों को पता लगा तो अंग्रेज शासन ने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी।