Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Nov, 2017 11:38 AM
अमरीकी विशेषज्ञों ने भारत-चीन के बीच रिश्ते बिगड़ने के लेकर बड़े कारण का खुलासा किया है । अमरीकी विशेषज्ञों के अनुसार पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की अंतर्राष्ट्रीय आतंकियों की सूची में...
वाशिंगटनः अमरीकी विशेषज्ञों ने भारत-चीन के बीच रिश्ते बिगड़ने के लेकर बड़े कारण का खुलासा किया है । अमरीकी विशेषज्ञों के अनुसार पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की अंतर्राष्ट्रीय आतंकियों की सूची में शामिल कराने की कोशिशों पर चीन हर बार रोक लगता रहा है जिससे भारत और चीन के संबंधों को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है।
पिछले हफ्ते चीन ने चौथी बार संयुक्त राष्ट्र में अजहर को वैश्विक आतंकी सूची में डालने की अमरीका, फ्रांस और ब्रिटेन की कोशिश में रुकावट पैदा की थी। इसके लिए उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों के बीच आम राय न होने का हवाला दिया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो का अधिकार रखने वाले स्थायी सदस्य चीन ने परिषद की अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत अजहर को आतंकी घोषित करने के भारत के प्रयासों में बार-बार अड़ंगा डाला है।
हेरिटेज फाउंडेशन के जेफ स्मिथ ने कहा कि यह चीन की तरफ से उठाया गया दुर्भाग्यपूर्ण कदम है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के जाने पहचाने आतंकी पर प्रतिबंधों को लगातार बाधित करने के लिए दिए गए तर्क सवालों के घेरे में है। स्मिथ ने कहा कि चीन अपने इस कदम को स्पष्ट तौर पर अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान को लाभ पहुंचाने के तौर पर देख रहा है।
संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सदस्य अमरीका ने कहा कि किसी व्यक्ति या संस्था को 1267 प्रतिबंध सूची में शामिल करने पर समिति की चर्चा गोपनीय है। न्यूयार्क में अमरीकी मिशन के प्रवक्ता ने कहा, 'बहरहाल, हम जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक और नेता अजहर को 1267 प्रतिबंधों की सूची में शामिल करने की कोशिशों का समर्थन करेंगे और दूसरे सदस्यों को भी इसका समर्थन करने के लिए प्रेरित करेंगे।'