US संसद में जलवायु परिवर्तन मुद्दे पर भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग को लेकर विधेयक पेश

Edited By Tanuja,Updated: 16 Apr, 2021 04:12 PM

us legislation on climate change seeks cooperation with india

अमेरिका के 10 सीनेटरों के एक समूह ने अंतर्राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन मुद्दे पर भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग को लेकर एक विधेयक पेश किया है। ...

वाशिंगटनः अमेरिका के 10 सीनेटरों के एक समूह ने   अंतर्राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन मुद्दे पर भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग को लेकर एक विधेयक पेश किया है। इसमें व्हाइट हाउस द्वारा अगले सप्ताह आयोजित किए जाने वाले विभिन्न देशों के नेताओं के शिखर सम्मेलन से पहले इस क्षेत्र में भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग को फिर से मजबूत करने समेत जलवायु परिवर्तन से निपटने में मददगार विभिन्न बातों का जिक्र किया गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 22 और 23 अप्रैल को आयोजित होने वाले इस शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विश्व के 40 नेताओं को आमंत्रित किया है।

 

सीनेट विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष एवं सीनेटर बॉब मेनेंडेज ने नौ अन्य डेमोक्रेटिक सदस्यों के साथ मिलकर ‘जलवायु परिवर्तन के अंतरराष्ट्रीय न्यूनीकरण, अनुकूलन और प्रौद्योगिकी संवर्धन में अमेरिका के नेतृत्व संबंधी विधेयक' (अमेरिकी जलवायु विधेयक 2021) को पेश किया। मेनेंडेज ने कहा कि इस विधेयक में जलवायु परिवर्तन संबंधी व्यापक विदेश नीति पर सर्वाधिक ध्यान केंद्रित किया गया है। इस 212 पृष्ठों वाले विधेयक में भारत के लिए एक अलग अनुभाग समर्पित किया गया है, जिसमें बाइडन प्रशासन से अपील की गई है कि वह स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान विकास एवं निवेश पर भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग को पुन: मजबूत करने के लिए कदम उठाए।

 

विधेयक में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था एवं मध्यम वर्ग के विस्तार के साथ भारत में ऊर्जा की मांग बढ़ेगी, ऐसे में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और जलवायु सुरक्षा बढ़ाने में मददगार और पर्यावरणीय एवं सामाजिक रूप से जिम्मेदार तरीकों से ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने में भारत का समर्थन करना अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एवं वैश्विक सुरक्षा के हित में होगा। विधेयक में कहा गया है कि भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा में वैश्विक नेता बनकर अपनी बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा किया है। विधेयक में कहा गया है कि नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश और राष्ट्रीय ग्रीनहाउस गैस न्यूनीकरण नीतियों के क्रियान्वयन के बावजूद भारत में दुनिया के सबसे दूषित जीवाश्म ईंधन बिजली संयंत्र हैं और उसके परिवहन क्षेत्र से अत्यधिक उत्सर्जन होता है।

 

इसमें कहा गया है कि भारत विदेशी निवेश का अहम बाजार है और यह अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा विकास के क्षेत्र में भविष्य में बड़ा प्रतिद्वंद्वी होगा। विधेयक में कहा गया है कि स्वच्छ ऊर्जा मंत्री एवं अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में भारत के नेतृत्व ने उसे नवीकरणीय ऊर्जा के विकास में अग्रणी बना दिया है और इसे स्वच्छ ऊर्जा उत्पादकों में शीर्ष पांच वैश्विक उत्पादकों में शामिल करने में मदद की है। 

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