Edited By Tanuja,Updated: 10 Apr, 2021 11:04 AM
भारत की मंजूरी के बिना उसके विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के दायरे में अमेरिकी नौसेना पोत घुसने पर भारत द्वारा आपत्ति करने के बाद पेंटागन ...
न्यूयार्कः भारत की मंजूरी के बिना उसके विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के दायरे में अमेरिकी नौसेना पोत घुसने पर भारत द्वारा आपत्ति करने के बाद पेंटागन ने नौवहन अधिकारों का उपयोग करना अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप बताया है। अमेरिकी नौसेना के पोत जॉन पॉल जोन्स के भारत के EEZ से गुजरने के संबंध में भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था। केंद्र सरकार ने अमेरिकी युद्ध पोत जॉन पॉल जोंस के भारत के समुद्री क्षेत्र से बगैर इजाजत गुजरने पर कड़ी आपत्ति जताते कहा कि हमने अमेरिकी पोत के हमारे विशेष आर्थिक क्षेत्र यानी EEZ से गुजरने के बारे में अपनी चिंताओं से राजनयिक चैनलों के माध्यम से अमेरिका को अवगत कराया है।
भारत ने शुक्रवार को कहा कि जहाज के फारस की खाड़ी से मलक्का जलडमरूमध्य की ओर जाने पर नजर रखी गई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के कानून किसी अन्य देश को तटीय देश की बगैर इजाजत के युद्धाभ्यास की इजाजत नहीं देते हैं। इसके जवाब में पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं कह सकता हूं कि नौसेना के विध्वंसक पोत यूएसएस जॉन पॉल जोन्स ने मालदीव गणतंत्र के नजदीक समुद्री क्षेत्र में सामान्य परिचालन के तहत अहानिकारक तरीके से गुजरते हुए अपने नौवहन अधिकारों एवं स्वतंत्रता का उपयोग किया और ऐसे में उसने बिना पूर्वानुमति के उसके विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में परिचालन किया।''
किर्बी ने पेंटागन में संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप है। हम अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक उड़ान भरने, समुद्री परिचालन करने तथा परिचालन के अपने अधिकार तथा जिम्मेदारी को बनाए रखेंगे।'' किर्बी ने कहा कि नौवहन स्वतंत्रता को कायम रखना, अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत समुद्र के कानूनी उपयोग, आजादी एवं अधिकारों को बनाए रखना अमेरिका की जिम्मेदारी है।