अमरीका में वीजा नीतियों में होगा बदलाव,भारतीय छात्रों पर गिरी गाज

Edited By Tanuja,Updated: 13 May, 2018 01:39 PM

us plans to throw out students who continue to stay there after study

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद अमरीका में रह रहे छात्रों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अपने नीतियों में बदलाव करने जा रहे हैं । इसका सबसे बुरा असर भारतीय छात्रों पर पड़ेगा...

वॉशिंगटनः राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद अमरीका में रह रहे छात्रों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अपने नीतियों में बदलाव करने जा रहे हैं । इसका सबसे बुरा असर भारतीय छात्रों पर पड़ेगा।  ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार रात एक नई ड्राफ्ट पॉलिसी जारी की। यह पॉलिसी 9 अगस्त में लागू कर दी जाएगी। इस नई नीति का प्रभाव उन छात्रों पर सबसे ज्यादा पड़ेगा जो पढ़ाई के बाद अमरीका में नौकरी की तलाश में रूकते हैं।

नई ड्राफ्ट पॉलिसी में गैर-कानूनी मौजूदगी की अवधि की गणना पद्धति में बदलाव किया गया है। नई पॉलिसी की तहत छात्रों की गैर-कानूनी मौजूदगी की अवधि की गणना उनके आव्रजन स्टेटस खत्म होने के दिन से गिना जाएगा। इसका मतलब उस दिन से होता है जब छात्र पढ़ाई समाप्त कर चुके होते हैं और अनाधिकृत गतिविधियों में लिप्त पाए जाते हैं या फिर पढ़ाई और ग्रेस अवधि पूरी कर चुके होते हैं। नई नीति में अमरीका में अनधिकृत रूप से रह रहे दिनों के हिसाब से गिना जाएगा। इसके तहत छात्र को अमरीका में प्रवेश करने या स्थाई नागरिकता हासिल करने के प्रयासों को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
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उदाहरण के लिए एक छात्र को 60 दिन का समय दिया जाता है ताकि वे इस दौरान अपने स्टेटस को बदल सकें या अमरीका छोड़ कर चला जाए। नई नीति के लागू होने से गैर-कानूनी अवधि के आधार छात्र को अमरीका में प्रवेश करने या स्थायी रेजिडेंसी स्टेटस पाने में मुश्किल आ सकती है। जो छात्र 180 से अधिक दिनों तक अमरीका में रहते पाए जाएंगे, अमरीका में उनके प्रवेश पर 3 से 10 साल तक रोक लग सकती है। नई ड्राफ्ट पॉलिसी का सबसे ज्यादा असर उन छात्रों पर पड़ेगा, जिन्हें स्टेटस नहीं मिल पाया है और जो वीजा के लिए आवेदन करना चाहते हैं या फिर स्थायी नागरिक के रूप में अपना स्टेटस बदलना चाहते हैं।

ओपन डोर्स रिपोर्ट के इंटरनेशनल छात्र डाटा के मुताबिक, अमरीका में भारतीय छात्रों की संख्या 2016-17 की अवधि में 12 प्रतिशत बढ़ी है। अमरीकाका में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की संख्या के मामले में भारत दूसरे पायदान पर हैं। अमरीका में सबसे ज्यादा चीनी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।  छात्रों को नियमों का उल्लंघन करने या स्टेटस न मिल पाने के कारण या तो देश छोड़ना पड़ेगा या फिर उन्हें अपना स्टेटस स्टूडेंट से वर्किंग के रूप में बदलवाना होगा।

 

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