महाराष्ट्र में खत्म हुआ वैक्सीन का स्टॉक! सतारा में रुका टीकाकरण, पुणे में 109 सेंटर हुए बंद

Edited By vasudha,Updated: 08 Apr, 2021 10:39 AM

vaccine stock ends in maharashtra

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से जूझ रहे महाराष्ट्र में कोविड-19 रोधी टीके की खुराकों की कमी हो जाने का दावा किया जा रहा है। इसी के चलते महाराष्ट्र के सतारा में कारण वैक्सीनेशन को रोक दिया गया है। इतना ही नहीं पुणे में भी टीके की कमी के चलते 109...

नेशनल डेस्क:  कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से जूझ रहे  महाराष्ट्र में कोविड-19 रोधी टीके की खुराकों की कमी हो जाने का दावा किया जा रहा है। इसी के चलते  महाराष्ट्र के सतारा में कारण वैक्सीनेशन को रोक दिया गया है। इतना ही नहीं पुणे में भी टीके की कमी के चलते 109 टीकाकरण केंद्रों को बंद कर दिया गया है।  वहीं केंद्र सरकार ने साफ किया है कि देश में कोविड रोधी टीके की कोई कमी नहीं है। केंद्र ने महाराष्ट्र सरकार  पर टीकों की मांग कर लोगों में दहशत फैलाने तथा अपनी “विफलताएं” छिपाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।

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दरअसल महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को कहा कि राज्य के पास कोविड-19 के टीके की 14 लाख खुराकें ही बची हुयी हैं जो तीन दिन ही चल पाएंगी और टीकों की कमी के कारण कई टीकाकरण केंद्र बंद करने पड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि टीकाकरण केंद्रों पर आ रहे लोगों को वापस भेजा जा रहा है क्योंकि खुराकों की आपूर्ति नहीं हुई है।  स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमें हर हफ्ते 40 लाख खुराकों की जरूरत है। इससे हम एक सप्ताह में हर दिन छह लाख खुराक दे पाएंगे। मंत्री ने केंद्र से टीके की आपूर्ति में महाराष्ट्र को प्राथमिकता देने को कहा क्योंकि राज्य में मृतकों की संख्या 50,000 को पार कर चुकी है।

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वहीं  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने इन  शिकायतों के बीच कहा कि देश में कोविड रोधी टीके की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि टीकों की कमी को लेकर महाराष्ट्र के सरकारी प्रतिनिधियों के बयान, “और कुछ नहीं, बल्कि वैश्विक महामारी के प्रसार को रोकने की महाराष्ट्र सरकार की बार-बार की विफलताओं से ध्यान भटकाने की कोशिश है। इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने  भी देश के सभी नागरिकों के लिए कोरोना के टीके की पैरवी करते हुए कहा  था कि इस टीके की जरूरत को लेकर बहस करना हास्यास्पद है तथा हर भारतीय सुरक्षित जीवन का मौका पाने का हकदार है।

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उनके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी इसी तरह की मांग की। गौरतलब है कि पूरे देश में कोरोना वायरस के खिलाफ चल रहे टीकाकरण अभियान के तहत वर्तमान में 45 साल और इससे अधिक उम्र के लोग ही टीका लगवा सकते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है किकोविड-19 रोधी टीकाकरण में अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए भारत दुनिया में सबसे तेज टीकाकरण वाला देश बन गया है। भारत में रोजाना औसतन 30,93,861 खुराकें दी जा रही हैं। देश में अब तक कोविड-19 टीके की 8.70 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं।

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