Edited By Yaspal,Updated: 11 Jun, 2021 07:04 PM
गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 टीकाकरण अभियान में प्राथमिकता के आधार पर शामिल करने का निर्देश देने के अनुरोध के साथ एक गर्भवती महिला ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया। केंद्र के वकील ने हाईकोर्ट को सूचित...
नई दिल्लीः गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 टीकाकरण अभियान में प्राथमिकता के आधार पर शामिल करने का निर्देश देने के अनुरोध के साथ एक गर्भवती महिला ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया। केंद्र के वकील ने हाईकोर्ट को सूचित किया कि सरकार का इस मुद्दे पर ध्यान है और वह इस पर फैसला करेगी। केंद्र के वकील द्वारा दिए गए बयान का उल्लेख करते हुए न्यायमूर्ति अमित बंसल ने कहा कि आगे किसी आदेश की आवश्यकता नहीं है। न्यायमूर्ति बंसल ने महिला की याचिका का निस्तारण कर दिया।
महिला की ओर से पेश अधिवक्ता वसुधा जुत्शी ने कहा कि याचिकाकर्ता गर्भावस्था के अंतिम चरण में है और वह प्राथमिकता के आधार पर टीका लगवाना चाहती है। उन्होंने गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण अभियान में प्राथमिकता के आधार पर शामिल करने के लिए नयी अधिसूचना जारी करने के लिए सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा और केंद्र सरकार के स्थायी वकील अनुराग अहलूवालिया ने कहा कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) ने 28 मई को एक अधिसूचना जारी की है जिसमें विभिन्न सिफारिशें की गई हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि प्रसूति देखभाल केंद्र आने वाली सभी गर्भवती महिलाओं को देश में उपलब्ध कोविड-19 टीकों-कोविशील्ड और कोवैक्सीनन से जुड़े लाभ और जोखिमों के बारे में सूचित किया जा सकता है।
एनटीएजीआई की सिफारिशों में कहा गया है कि एक गर्भवती महिला को उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर निकटतम केंद्र में उपलब्ध कोविड-19 टीके की पेशकश की जा सकती है और टीका गर्भावस्था के दौरान कभी भी दिया जा सकता है। साथ ही कहा कि स्तनपान कराने वाली सभी महिलाएं प्रसव के बाद कभी भी कोविड-19 टीके लेने के लिए पात्र हैं।