Edited By Anil dev,Updated: 26 Feb, 2019 11:19 AM
श्री माता वैष्णो देवी के धाम कटड़ा पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण सूचना है कि रियासी जिला प्रशासन ने 7 साल के लम्बे अंतराल के बाद घोड़े, पिट्ठू व पालकी सेवा के किराए में 70 प्रतिशत की बढ़ौतरी करने का निर्णय लिया है।
जम्मू/कटड़ा(बलराम/अमित): श्री माता वैष्णो देवी के धाम कटड़ा पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण सूचना है कि रियासी जिला प्रशासन ने 7 साल के लम्बे अंतराल के बाद घोड़े, पिट्ठू व पालकी सेवा के किराए में 70 प्रतिशत की बढ़ौतरी करने का निर्णय लिया है। इसके तहत आधार शिविर कटड़ा से पवित्र भवन तक घोड़े का किराया 1200 रुपए हो गया है। इसके अलावा यात्रियों को कांटै्रक्टर, वैल्फेयर, सर्विस चार्ज एवं जी.एस.टी. सहित करीब 50 रुपए अतिरिक्त चुकाने होंगे, जबकि कटड़ा से सांझी छत तक हैलीकॉप्टर का किराया 1045 रुपए है।
यात्रियों को गंभीर चोटें लगने की कई घटनाएं हो चुकी हैं
इस प्रकार माता के भक्तों के लिए घोड़े की सवारी हैलीकॉप्टर से महंगी जरूर साबित होगी, लेकिन माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने इस यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए भी कई प्रबंध किए हैं। इसके तहत घोड़े, पिट्ठू एवं पालकी पर यात्रा करने वाले भक्तों को बोर्ड द्वारा हैल्मेट, एल्बो एवं नी-गार्ड आदि उपलब्ध करवाए जाएंगे और प्री-पेड की सुविधा प्रदान की जाएगी। इस संबंध में ‘पंजाब केसरी’ ने विस्तृत समाचार प्रकाशित कर श्राइन बोर्ड एवं प्रशासन का ध्यान घोड़े, पिट्ठू व पालकी वालों की समस्याओं की ओर आकॢषत किया था। इस संबंधी माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिमरनदीप सिंह ने बताया कि कटड़ा एवं पवित्र भवन-भैरों घाटी के बीच टै्रक पर घोड़े से गिर कर यात्रियों को गंभीर चोटें लगने की कई घटनाएं हो चुकी हैं, इसलिए बोर्ड ने घोड़े, पिट्ठू एवं पालकी के जरिए यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को उच्च गुणवत्ता के हैल्मेट, एल्बो व नी-गार्ड उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है। इस हैल्मेट की नियमित तौर पर सफाई भी की जाएगी, ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्या पैदा न हो।
बोर्ड के चेयरमैन को अक्सर मिलती थी शिकायत
उन्होंने बताया कि बोर्ड के चेयरमैन एवं उन्हें अक्सर यह शिकायत मिलती थी कि घोड़े, पिट्ठू एवं पालकी ऑप्रेटरों द्वारा निर्धारित राशि से अधिक किराया वसूल किया जा रहा है। अध्ययन करने पर उन्होंने पाया कि ये लोग रियासी जिला प्रशासन द्वारा पिछले 7 वर्ष से किराया न बढ़ाए जाने के कारण ऐसा कर रहे हैं। इस पर उन्होंने रियासी के जिला उपायुक्त से उचित कदम उठाने का आग्रह किया तो उपायुक्त ने किराए में 10 प्रतिशत प्रतिवर्ष के हिसाब से 7 वर्ष के 70 प्रतिशत की बढ़ौतरी करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा बूट (बिल्ड ऑफ ऑप्रेशन ट्रांसफर) के तहत प्री-पेड एवं अन्य सुविधाएं प्रदान करने वाली भारत सरकार से नैशनल ई-गवर्नैंस अवार्ड प्राप्त जी-मैक्स द्वारा जी.एस.टी. सहित 28 रुपए वसूल किए जाएंगे और पौनी स्टैंड, ट्रैक पर सफाई एवं अन्य सुविधाओं के लिए घोड़ा व पालकी के हिसाब से 12 व 22 रुपए अतिरिक्त वसूल किए जाएंगे।
प्री-पेड सिस्टम से दुरुस्त होगी व्यवस्था
उन्होंने कहा कि घोड़ा, पिट्ठू एवं पालकी की बुकिंग के लिए प्री-पेड सिस्टम लागू होने से व्यवस्था में सुधार आएगा, क्योंकि इससे न केवल श्रद्धालुओं को अधिक भुगतान करने से मुक्ति मिलेगी, बल्कि घोड़े वाले को भी पूरा किराया मिल पाएगा। इसके लिए श्रद्धालुओं को काऊंटर पर भुगतान कर मिली पर्ची घोड़े वाले को देनी होगी और घोड़े वाला वह पर्ची दिखाकर काऊंटर से अपना किराया वसूल कर पाएगा।
प्री-पेड एवं शिकायत निवारण के लिए 9 केंद्र
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा प्री-पेड की व्यवस्था और श्रद्धालुओं की शिकायतों का निवारण करने के लिए कटड़ा में चेतक भवन, बाण गंगा, चरणपादुका, अद्र्धकुंवारी-1, अद्र्धकुंवारी-2, सांझी छत, पार्वती भवन, गौरी भवन और भैरों घाटी में 9 केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों पर बोर्ड के स्टैंड लोन नैटवर्क के जरिए वीडियो कांफ्रैंस कर बोर्ड अधिकारी प्री-पेड और श्रद्धालुओं की अन्य शिकायतों का निवारण कर सकेंगे।
घर बैठे पसंद का घोड़ा ले सकेंगे श्रद्धालु
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिमरनदीप सिंह ने बताया कि जी-मैक्स द्वारा अगले 6 महीने में ऐसी व्यवस्था भी की जाएगी, जिससे श्रद्धालु घर बैठे ऑनलाइन अपनी पसंद का घोड़ा बुक कर पाएगा। इसमें इंटरनैट पर घोड़े का चित्र एवं स्वास्थ्य संबंधी तमाम जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी।
घोड़ों का होगा नियमित स्वास्थ्य निरीक्षण
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन मामले के मद्देनजर यात्रा मार्ग पर तैनात घोड़ों का नियमित स्वास्थ्य निरीक्षण करवाने का निर्णय लिया है। इसके तहत रक्त के नमूने लेकर विभिन्न बीमारियों की स्क्रीङ्क्षनग होगी। इसके लिए घोड़े पर आयु एवं स्वास्थ्य के अनुसार टैङ्क्षगग करने के लिए दर्जनभर मानदंड निर्धारित किए गए हैं। हर घोड़ा मालिक के लिए 181 दिन के अंतराल के बाद अपने घोड़े के स्वास्थ्य निरीक्षण प्रमाण-पत्र का नवीनीकरण करवाना अनिवार्य होगा।
प्राकृतिक आपदा से निपटने की पूरी तैयारी
उन्होंने बताया कि बोर्ड ने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने और श्रद्धालुओं को तुरंत राहत पहुंचाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए 18 सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाकर स्थिति पर पूरी निगाह रखी जा रही है, ताकि बिना समय गंवाए विपरीत परिस्थितियों पर नियंत्रण पाया जा सके।