ऑफ द रिकॉर्डः वसुंधरा का दबदबा हुआ खत्म, बेटा अज्ञातवास में

Edited By Seema Sharma,Updated: 23 Jun, 2019 09:31 AM

vasundhara s overturned end

राजस्थान से लोकसभा के 2 बार के सांसद ओम बिड़ला को मोदी-अमित शाह टीम द्वारा स्पीकर बनाया जाना इतना साधारण नहीं जितना समझा जाता है। वह राजस्थान से ऐसे चौथे नेता हैं जिन्हें पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा चुना गया

नेशनल डेस्कः राजस्थान से लोकसभा के 2 बार के सांसद ओम बिड़ला को मोदी-अमित शाह टीम द्वारा स्पीकर बनाया जाना इतना साधारण नहीं जितना समझा जाता है। वह राजस्थान से ऐसे चौथे नेता हैं जिन्हें पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा चुना गया और उन्हें महत्वपूर्ण पद दिए गए। पहला अप्रत्याशित मामला उस समय सामने आया जब गजेन्द्र सिंह शेखावत को कैबिनेट मंत्री के रूप में पदोन्नत किया गया और उन्हें शक्तिशाली मंत्रालय ‘जल शक्ति’ दिया गया जो पहले नितिन गडकरी के पास था। शेखावत को भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया का राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी समझा जाता है। स्थिति यह है कि भाजपा उच्च कमान ने शेखावत को पदोन्नत कर वसुंधरा को यह स्पष्ट संकेत दिया है कि अब उनकी कोई राय नहीं चलेगी। इस फैसले के साथ ही मोदी-शाह जोड़ी ने राज्य की सत्ता में बड़े परिवर्तन के भी स्पष्ट संकेत दे दिए हैं।

राजस्थान में पिछले 15 वर्षों में भाजपा की राजनीति वसुंधरा राजे के इर्द-गिर्द ही घूमती रही लेकिन केन्द्र के इस कदम से अब वसुंधरा राजे विरोधी कैम्प को बढ़ावा मिला है। यहीं बस नहीं हुई। वसुंधरा विरोधी एक अन्य सांसद अर्जुन मेघवाल को संसदीय मामलों और भारी उद्योग का राज्य मंत्री बनाया गया है। इसके बाद एक अन्य लोकसभा सांसद कैलाश चौधरी को कृषि मंत्रालय में राज्य मंत्री नियुक्त किया गया है। वसुंधरा के लिए स्थिति उस समय और बदतर हो गई जब ओम बिड़ला को लोकसभा का अध्यक्ष बनाया गया। बूंदी के सांसद ओम बिड़ला को लोकसभा अध्यक्ष के पद पर बैठाना और 3 मंत्रियों को लेना मोदी सरकार में राजस्थान का नया शक्ति केन्द्र बन गया है।


ओम बिड़ला वसुंधरा राजे की पिछली दो सरकारों में विधायक रहे मगर उनका वसुंधरा के साथ टकराव रहा और उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। 2013 में ओम बिड़ला ने अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और लोकसभा का चुनाव लड़ा जिसके बाद वह केन्द्रीय नेताओं के करीबी बन गए। इस बार पार्टी के एक बड़े वर्ग ने ओम बिड़ला को टिकट न देने के लिए बड़ा जोर लगाया मगर राजस्थान के भाजपा प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ने इस बात को यकीनी बनाया और ओम बिड़ला को टिकट मिल गया। गजेन्द्र शेखावत एक राजपूत हैं और ओम बिड़ला वैश्य समुदाय से हैं। कैलाश चौधरी जाट नेता हैं तथा अर्जुन मेघवाल दलित नेता हैं। वसुंधरा के बेटे, 4 बार के सांसद दुष्यंत सिंह को मंत्री नहीं बनाया गया।

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