Edited By ,Updated: 28 Mar, 2016 02:59 PM
रोहित वेमुला खुदकुशी मामले में हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुपलति के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन करने वाले स्टूडेंट्स और टीचर्स की जमानत याचिका पर सुनवाई करने वाली जज विवादों में फंस सकती हैं क्योंकि उनके पति उस भाजपा नेता के ...
नई दिल्ली: रोहित वेमुला खुदकुशी मामले में हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुपलति के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन करने वाले स्टूडेंट्स और टीचर्स की जमानत याचिका पर सुनवाई करने वाली जज विवादों में फंस सकती हैं क्योंकि उनके पति उस भाजपा नेता के लिए काम करते हैं, जिन पर वेमुला को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप है।
मियापुर कोर्ट की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट धमावरपु वरूधिनि सोमवार को जमानत याचिका पर सुनवाई करने वाली हैं। उनके पति तेलंगाना विधान परिषद के सदस्य रामचंद्र राव की लॉ फर्म में काम करते हैं। राव उन लोगों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ पुलिस ने रोहित वेमुला की खुदकुशी के बाद दलित उत्पीड़न कानून के तहत मामला दर्ज किया है।
जज के पति एम विजयकांत तारानाका के पास राव के कार्यालय में काम करते हैं और वह भाजपा तथा आर.एस.एस के सक्रिय सदस्य भी हैं। विजयकांत ने इस मामले पर बोलने से इंकार करते हुए कहा कि उनकी पत्नी इस मामले पर कुछ नहीं बोलना चाहती है। हमें इस मामले में कोई रूचि नहीं है।
उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहेंगे कि न्यायपालिका का राजनीतिकरण हो। मेरा इससे कुछ लेना देना नहीं है। यह न्यायपालिका के लिए ठीक नहीं होगा कि उसे राजनीति में घसीटा जाए।
गौरतलब है कि इस खुदकुशी मामले में 27 छात्रों और दो शिक्षकों को 23 मार्च को कुलपति अप्पा राव के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उनका आरोप था कि कुलपति वेमुला की खुदकुशी के लिए जिम्मेदार हैं।