Edited By Anil dev,Updated: 27 Jun, 2018 06:16 PM
विश्व हिंदूू परिषद (विहिप) के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे पर भाजपा पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए आज कहा कि सत्ता के मद में चूर लोग यह जान लें कि हिंदू के बलबूते भाजपा है, भाजपा के बलबूते हिंदू नहीं।...
इलाहाबाद: विश्व हिंदूू परिषद (विहिप) के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे पर भाजपा पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए आज कहा कि सत्ता के मद में चूर लोग यह जान लें कि हिंदू के बलबूते भाजपा है, भाजपा के बलबूते हिंदू नहीं। तोगडिय़ा ने यहां कहा, हमने सोचा नहीं था कि राम के साथ भी जुमलेबाजी होगी। राम मंदिर का कानून, चुनावी जुमला बना। प्रवीण तोगडिय़ा को कहा कि जुबान बंद करो। हमने वहां भी जुबान बंद नहीं की क्योंकि यह (राम मंदिर) करोड़ों हिंदूओं की इच्छा थी और आज भी है। तोगडिय़ा ने कहा, Þकल मैं अयोध्या में रामलला के दर्शन करने और महंत नृत्य गोपालदास के निमंत्रण पर उनके पास गया था। हमारे बीच यही बात हुई कि यदि अदालत से ही मंदिर बनवाना था तो कारसेवा करके लोगों को मरवाया क्यों, इसका उत्तर दो।
उन्होंने कहा, मैंने इन चार वर्षों में आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बार..बार बैठकें की.. सरकार से राम मंदिर के लिए कानून बनाने की प्रार्थना की। संतों ने प्रधानमंत्री से मिलकर उन्हें बहुत समझाया, लेकिन अब तक कोई परिणाम नहीं आया है। तोगडिय़ा ने कहा, फिर भी हम उन्हें और चार महीने का समय दे रहे हैं। यदि चार माह में राम मंदिर को लेकर संसद में कानून नहीं बनता है तो हिंदू समाज लखनऊ से अयोध्या कूच करेगा। फिर भी वे कानून नहीं लाते हैं तो 2019 में भारतीय राजनीति में हिंदुओं के लिए दूसरा राजनीतिक विकल्प खड़ा होगा।
अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के नाम से एक नया संगठन स्थापित करने वाले तोगडिय़ा ने कहा, हमने हिंदूओं के राजनीतिक सशक्तिकरण की दिशा में काम प्रारंभ किया है.. यह (दल) ना छद्म धर्मनिरपेक्ष होगा और ना ही छद्म हिंदुत्ववादी होगा। उन्होंने कहा कि हिंदुओं के धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अधिकारों के लिए काम करने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद ने 10 संगठन बनाए हैं जिनमें विद्यार्थियों के राष्ट्रीय छात्र परिषद, युवकों के लिए राष्ट्रीय बजरंग दल, युवतियों के लिए ओजस्वनी, राष्ट्रीय महिला परिषद, राष्ट्रीय किसान परिषद, राष्ट्रीय मजदूर परिषद, राष्ट्रीय व्यापारी परिषद शामिल हैं।