Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jul, 2017 09:39 AM
भाजपा ने उपराष्ट्रपति पद के लिए केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू के नाम पर अंतिम मुहर लगा दी है लेकिन आज से ठीक डेढ़ महीने पहले जब उपराष्ट्रपति चुनाव की सुगबुागाहट हुई थी तो नायडू का नाम उछला था, उस वक्त नायडू ने अपने ही अंदाज में खबर को सिरे से खारिज...
नई दिल्लीः भाजपा ने उपराष्ट्रपति पद के लिए केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू के नाम पर अंतिम मुहर लगा दी है लेकिन आज से ठीक डेढ़ महीने पहले जब उपराष्ट्रपति चुनाव की सुगबुागाहट हुई थी तो नायडू का नाम उछला था, उस वक्त नायडू ने अपने ही अंदाज में खबर को सिरे से खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वह न तो राष्ट्रपति बनना चाहते हैं, और ना ही उपराष्ट्रपति वह ऊषा के पति होकर ही खुश हैं। उस वक्त नायडू ने अपने चिर-परिचित अंदाज में उम्मीदवारी को खारिज कर दिया था। वहीं नायडू एनडीए की पहली पंसद है। नायडू की ये खास बातें उनके पक्ष में हैं।
संघ का भरोसेमंद चेहरा
संघ और भाजपा के बीच हुई बैठक के बाद खबरें आई थीं कि भाजपा चाहती है कि कोई ऐसा चेहरा आगे आए जो संघ और पार्टी की विचारधारा को समझता हो। इस लिहाज से भी नायडू संघ और भाजपा की पसंद बने।
सरकार में बड़ा चेहरा
पार्टी के साथ-साथ वेंकैया नायडू सरकार में भी बड़ा चेहरा हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेतली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बाद वेंकैया ही सबसे सीनियर मंत्री हैं।
दक्षिण भारत का है बड़ा चेहरा
वेंकैया नायडू आंध्र प्रदेश से हैं। एन.डी.ए. राष्ट्रपति पद के लिए पहले ही उत्तर भारत से रामनाथ कोविंद के नाम का ऐलान कर चुकी है। भाजपा के लिए यह एक मौका है कि अगर पार्टी दक्षिण का दाव चलती है तो 2019 के लिए भी एक रास्ता तैयार होगा।
राज्यसभा का अनुभव
वेंकैया नायडू 4 बार राज्यसभा के सांसद रह चुके हैं। वह राजस्थान से सांसद हैं। भाजपा के पास राज्यसभा में नंबर की भी कमी है। अगर राज्यसभा का कोई अनुभवी नेता इस पद पर चुना जाता है तो सदन चलाने के लिए आसानी होगी।
राज्यसभा में फायदा
अगर भाजपा नायडू का चेहरा आगे करती है तो राज्यसभा में कम संख्या होने के बावजूद भी वह स्थिति को संभालने में कारगर साबित होंगे।