विजय दिवस: जब भारत के सामने घुटनों पर आ गया था PAK, अमेरिका भी था अवाक

Edited By Seema Sharma,Updated: 03 Dec, 2021 11:32 AM

vijay diwas when pak came to its knees in front of india

1971 भारत-पाक युद्ध के 50 साल पूरे होने पर भारत विजय दिवस की वर्षगांठ मनाने की तैयारी कर रहा है। 3 दिसंबर 1971 को भारत-पाक युद्ध शुरू हुआ व 16 दिसंबर को भारतीय सेना की जीत के साथ युद्ध विराम हुआ।

नेशनल डेस्क: 1971 भारत-पाक युद्ध के 50 साल पूरे होने पर भारत विजय दिवस की वर्षगांठ मनाने की तैयारी कर रहा है। 3 दिसंबर 1971 को भारत-पाक युद्ध शुरू हुआ व 16 दिसंबर को भारतीय सेना की जीत के साथ युद्ध विराम हुआ। उस समय भारत के सामने पाक घुटनों पर था तो पाक की मदद करने वाला अमरीका भारत की सैन्य क्षमता पर अवाक था। संयोगवश 1971 के युद्ध के 50 साल बाद फिर से 3 दिसम्बर यानी कि आज शुक्रवार है।

 

इससे पहले 1971 में भी 3 दिसम्बर को शुक्रवार ही था। उस समय भारत में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी देश का नेतृत्व कर रही थीं तो पाक में राष्ट्रपति फौज के जरनैल याहिया खान थे। इस दौरान भारतीय फौज का नेतृत्व अमृतसर के रहने वाले जनरल मानक शाह ने किया जिनकी कटड़ा आहलूवालिया चौक में पैतृक दुकान थी, जो आज भी है। उन्होंने हिंदू कॉलेज ढाब-खटीकां से शिक्षा ग्रहण की थी। वहीं भारतीय वायुसेना का नेतृत्व एयर मार्शल (चीफ ऑफ एयर स्टॉफ ) पी.सी. लाल ने किया। 

 

1970 में पाकिस्तान में हुए थे चुनाव
1970 में पाकिस्तान में चुनाव हुए थे जिसमें पूर्वी पाकिस्तान अवामी लीग ने जीत हासिल कर सरकार बनाने का दावा किया। जुल्फिकार अली भुट्टो इस बात से सहमत नहीं थे, इसलिए उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया था। ऐसे में हालात इतने ज्यादा खराब हो गए कि सेना की मदद लेनी पड़ी। तब अवामी लीग के शेख मुजिबुर रहमान जो कि पूर्वी पाकिस्तान के बड़े नेता थे, को गिरफ्तार कर लिया गया और इसी के साथ पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच संबंध खराब हो गए। विवाद बढ़ने के बाद पूर्वी पाकिस्तान के लोगों ने पश्चिमी पाकिस्तान से पलायन शुरू कर दिया। पूर्वी पाकिस्तान से शरणार्थी भारत में शरण लेने के लिए आए थे तो इंदिरा गांधी की सरकार ने उनकी सहायता की। भारत में तब 10 लाख लोगों ने शरण ली थी। इसके बाद पाक ने भारत पर हमला कर दिया था। 

 

शाम 5 बजे पाक ने पंजाब के क्षेत्र में किए थे हवाई हमले
3 दिसम्बर शाम 5 बजे पाक ने पंजाब के क्षेत्र अमृतसर, आदमपुर, पठानकोट, हलवारा व हरियाणा के अंबाला समेत 11 हवाई स्टेशनों पर हमला शुरू कर दिया जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में भारतीय एयर मार्शल पी.सी. लाल ने एयरफोर्स को पाक की युद्ध सामग्री को नष्ट करने का आदेश दिया। इसके बाद भारतीय सेना की ओर से भी हमले शुरू हो गए। 

 

युद्ध के परिणाम-स्वरूप बंगलादेश का उदय
1971 में भारत-पाक युद्ध के परिणामस्वरूप पाक का बांग्ला क्षेत्र अलग होकर बंगलादेश बन गया था। 

 

3900 भारतीय सैनिक हुए शहीद
4 दिसंबर, 1971 को भारत ने ऑप्रेशन ट्राईडैंट शुरू किया। इस ऑप्रेशन में भारतीय नौसेना ने बंगाल की खाड़ी में समुद्र की ओर से पाकिस्तानी नौसेना को टक्कर दी और दूसरी तरफ पश्चिमी पाकिस्तान की सेना का भी मुकाबला किया। भारत की नौसेना ने 5 दिसंबर, 1971 को कराची बंदरगाह पर बमबारी करके उसे पूरी तरह से तबाह कर दिया। 1971 के युद्ध में तकरीबन 3900 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे और लगभग 9,851 घायल हुए थे। 

 

300 महिलाओं ने 72 घंटों में बना दी थी हवाई पट्टी
भुज तालुका की 300 महिलाओं ने रात-दिन एक कर 72 घंटे काम करके हवाई पट्टी को एक बार फिर तैयार कर दिया था, जो कि नामुमकिन था। इन वीरांगनाओं में से 70 आज भी जिन्दा हैं। जिनमें से लगभग 35 वीरांगनाएं विदेशों में बस गई हैं। युद्ध में पाक ने 14 दिन तक भुज स्थित हवाई पट्टी पर हमला कर उसे 35 बार तोड़ दिया था। 

 

BSF जवानों ने 11 घंटों में तय की 180 किलोमीटर की दूरी
पाकिस्तान बॉर्डर पर भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने लड़ते हुए 11 घंटे में 180 किलोमीटर की दूरी तय की। 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!