Edited By Seema Sharma,Updated: 02 Sep, 2019 02:20 PM
इसरो ने सोमवार को एक और उपल्बिध हासिल करते हुए चंद्रयान-2 ऑर्बिटर से ‘विक्रम'' लैंडर को अलग कर दिया है। ‘विक्रम'' लैंडर सात सितंबर को तड़के डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच चंद्रमा की सतह पर पहुंचेगा। चांद्रेयान2 अब चांद से चंद कदमों की दूरी पर है।
बेंगलुरुः इसरो ने चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से ‘विक्रम' लैंडर को सफलतापूर्वक अलग कर दिया जो 7 सितंबर को चांद की सतह पर उतरेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि यह प्रक्रिया अपराह्न 12 बजकर 45 मिनट पर शुरू हुई और 1 बजकर 15 मिनट पर ऑर्बिटर से ‘विक्रम' अलग हो गया। इसरो के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ जी हां, यह सफलतापूर्वक अलग हो गया।'' लैंडर अब 7 सितंबर को चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में रात 1 बजकर 55 मिनट पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग' करेगा।
लैंडर के चांद की सतह पर उतरने के बाद इसके भीतर से ‘प्रज्ञान' नाम का रोवर बाहर निकलेगा और अपने छह पहियों पर चलकर चांद की सतह पर अपने वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा। इसरो के वैज्ञानिकों का कहना है कि चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग' चंद्र मिशन-2 का सबसे जटिल चरण है।
यदि सबकुछ ठीक रहता है तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग' करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। इसके साथ ही अंतरिक्ष इतिहास में भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। ‘लैंडर' का नाम भारत के अंतरिक्ष मिशन के जनक विक्रम साराभाई के नाम पर ‘विक्रम' रखा गया है।