Edited By Pardeep,Updated: 15 Aug, 2024 06:02 AM
ओलंपिक फाइनल से पहले अयोग्य करार दिए जाने के खिलाफ भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की अपील खेल पंचाट (सीएएस) के तदर्थ प्रभाग ने खारिज कर दी है।
नेशनल डेस्कः ओलंपिक फाइनल से पहले अयोग्य करार दिए जाने के खिलाफ भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की अपील खेल पंचाट (सीएएस) के तदर्थ प्रभाग ने खारिज कर दी है। भारतीय ओलंपिक संघ ने बुधवार को यह जानकारी दी। विनेश को पिछले सप्ताह महिला 50 किलो फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल से पहले अयोग्य करार दिया गया था क्योंकि उनका वजन निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक था।
एक बयान में आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा ,‘‘ पहलवान विनेश फोगाट की युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के खिलाफ दायर अपील पर खेल पंचाट के एकमात्र पंच के फैसले से स्तब्ध और निराश हूं।''
उन्होंने कहा ,‘‘ पेरिस ओलंपिक खेलों में महिलाओं के 50 किलोग्राम वर्ग में साझा रजत पदक दिए जाने के विनेश के आवेदन को खारिज करने वाले 14 अगस्त के फैसले का प्रभावी हिस्सा विशेष रूप से उनके लिए और बड़े पैमाने पर खेल समुदाय के लिए महत्वपूर्ण निहितार्थ रखता है।'' इस फैसले के मायने हैं कि पेरिस ओलंपिक में भारत के छह ही पदक होंगे जिसमें एक रजत और पांच कांस्य शामिल हैं।
गोल्ड मेडल मैच से पहले किया डिसक्वालिफाई
आखिर यह मामला क्या है और कैसे शुरू हुआ है? दरअसल, पेरिस ओलंपिक के दौरान विनेश ने 6 अगस्त को ही लगातार 3 मैच खेलकर 50 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल में एंट्री कर सिल्वर मेडल पक्का कर लिया था। गोल्ड मेडल मैच 7 अगस्त की रात को होना था, लेकिन उसी दिन सुबह विनेश को डिसक्वालिफाई कर दिया गया था, क्योंकि मैच से पहले उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा था। इसके बाद विनेश ने CAS में अपील की थी। उनकी पहली मांग तो यही थी कि उन्हें गोल्ड मेडल मैच खेलने की अनुमति दी जाए। मगर नियमों का हवाला देते हुए उनकी यह मांग तुरंत ही नामंजूर कर दी थी। इसके बाद विनेश ने अपील करते हुए कहा कि उन्हें इस इवेंट में सिल्वर मेडल दिया जाना चाहिए। अब इस अपील को भी खारिज कर दिया है।
पहलवान विनेश ने रेसलिंग से लिया संन्यास
7 अगस्त को पेरिस ओलंपिक में 50 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती का फाइनल खेला गया। इसके बाद अगले दिन विनेश फोगाट ने रेसलिंग से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने यह जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए दी। विनेश फोगाट ने कहा कि मां कुश्ती मेरे से जीत गई। मैं हार गई माफ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब. अलविदा कुश्ती 2001-2024. उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी।