राजस्थान में गांधी परिवार के 2 विश्वस्त नेताओं का दौरा बना पहेली!

Edited By Seema Sharma,Updated: 05 Aug, 2021 09:49 AM

visit of 2 trusted leaders of gandhi family in rajasthan became a mystery

राजस्थान में दो धड़ों में बंटी कांग्रेस को एकजुट करने में राज्य प्रभारी अजय माकन तो कई दिनों  प्रयास कर ही रहे हैं, यह भी कहा जा रहा था कि इसी सप्ताह मंत्रिमंडल में फेरबदल भी संभव है। इसी बीच अचानक  दिल्ली दरबार के विश्वस्त नेताओं के जयपुर दौरे ने...

नैशनल डैस्क: राजस्थान में दो धड़ों में बंटी कांग्रेस को एकजुट करने में राज्य प्रभारी अजय माकन तो कई दिनों  प्रयास कर ही रहे हैं, यह भी कहा जा रहा था कि इसी सप्ताह मंत्रिमंडल में फेरबदल भी संभव है। इसी बीच अचानक  दिल्ली दरबार के विश्वस्त नेताओं के जयपुर दौरे ने कांग्रेस के नेताओं को असमंजस में डाल दिया है। दो दिन पहले सोनिया गांधी की बेहद करीबी और हरियाणा कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा कि अचानक जयपुर यात्रा के बाद राहुल गांधी  के बेहद करीबी नेता और कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार की जयपुर आकर अशोक गहलोत से खास मुलाकात सियासी हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है। अजय माकन जयपुर में 3 दिनों तक सत्ता और संगठन को लेकर फीडबैक राहुल गांधी को बदलाव फेरबदल को पूरा ब्लूप्रिंट सौंप दिया, लेकिन उस पर अभी तक कोई एक्शन नहीं हुआ है। वहीं दूसरी कहा जा रहा है कि अपने स्वास्थ्य की जांच करवाने के लिए सोनिया गांधी 5 अगस्त को अमेरिका जा रही हैं। उससे पहले मंत्रिमंडल विस्तार/फेरबदल को लेकर निर्णय नहीं हुआ तो मामला लंबा लटक जाएगा। सवाल यह भी कि आखिर वह कौन सा संदेश है जिसे देने के लिए दो अलग-अलग पीसीसी अध्यक्ष को जयपुर आना पड़ा है। 

 

शैलजा और डी.के. के दौरे का सस्पैंस बरकरार
दोनों नेताओं का इस तरह से जयपुर आना अशोक गहलोत से मिलकर वापस दिल्ली लौटना बता रहा है कि मकसद केवल मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल नहीं है अपितु मामला इससे कहीं अधिक बड़ा है। राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार फेरबदल और संगठन  में नियुक्तियों की कवायद के बीच गांधी परिवार के विश्वस्त कहे जाने वाले नेताओं के जयपुर दौरे के बाद राजस्थान के सियासी हलकों में अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या गहलोत पायलट के बीच विस्तार फेरबदल को लेकर फंसे पेंच के मद्देनजर ही यह मुलाकातें हो रही है या इन मुलाकातों के मायने कुछ और हैं। 

 

लंबे समय से दिल्ली नहीं गए है सीएम गहलोत
दरअसल कोरोना काल के चलते एक लंबा समय हो गया है जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली नहीं गए हैं। इस दौरान कई बार प्रभारी अजय माकन, संगठन महासचिव वेणुगोपाल राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पवन बंसल के अलावा दिल्ली के कई नेताओं ने आकर सीएम से मुलाकात की है, लेकिन उन नेताओं की यात्राओं और मुलाकातों का मकसद स्पष्ट और साफ था, लेकिन कुमारी शैलजा और डीके शिवकुमार का अचानक जयपुर आना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलना और फिर दिल्ली जाना बता रहा है कि इस बार कारण कुछ अलग नजर आ रहे हैं। 

 

दोनों नेता दो अलग-अलग राज्यों के पी.सी.सी. अध्यक्ष
बड़ी बात यह है कि दोनों नेता दो अलग-अलग राज्यों के पी.सी.सी. अध्यक्ष हैं। कुमारी शैलजा हरियाणा में पी.सी.सी. अध्यक्ष हैं तो डीके शिवकुमार को भी कर्नाटका में पीसीसी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। कुमारी शैलजा के अशोक गहलोत के साथ संबंध बहुत अच्छे हैं। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के समय स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन के तौर पर उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही थी। वहीं, कर्नाटक विधानसभा चुनाव के समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कांग्रेस को सत्ता में लाने में अहम रोल रहा था। दोनों ही नेता गांधी परिवार के बेहद करीबी हैं।

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