ऑफ द रिकॉर्डः वोडा-आइडिया का हैरानी भरा ऑफर सरकार एक रुपए में खरीद ले कंपनी

Edited By ,Updated: 26 Feb, 2020 06:22 AM

voda idea s surprise offer government buys company for one rupee

ऐसे समय में जबकि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को लगभग मुफ्त में बेचने की इच्छुक है, वोडाफोन-आइडिया की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है। ऐसा समझा जा रहा है कि कम्पनी ने सरकार के समक्ष एक ऐसी ऑफर रखी है जो टैलीकॉम अथवा किसी अन्य इंडस्ट्री में अब तक नहीं...

नेशनल डेस्कः ऐसे समय में जबकि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को लगभग मुफ्त में बेचने की इच्छुक है, वोडाफोन-आइडिया की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है। ऐसा समझा जा रहा है कि कम्पनी ने सरकार के समक्ष एक ऐसी ऑफर रखी है जो टैलीकॉम अथवा किसी अन्य इंडस्ट्री में अब तक नहीं सुनी गई! ‘हमें एक रुपया दो और कम्पनी खरीद लो।’ इसमें आज की तारीख में कम्पनी की सभी सम्पत्तियां और देनदारियां शामिल होंगी। 

पिछले 10 वर्षों में वोडाफोन-आइडिया को 2 लाख करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है और उसके लगभग 53,000 करोड़ रुपए के ए.जी.आर. बकाया हैं। सुप्रीम कोर्ट में वोडाफोन-आइडिया का पक्ष वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी रख रहे हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि वे बैक चैनल रणनीति में भी शामिल हैं और उन्होंने टैलीकॉम विभाग के सचिव अंशु प्रकाश को पिछले हफ्ते टैलीफोन पर कुछ अहम जानकारी दी है। वह जानकारी यह है कि कम्पनी इतना पैसा नहीं दे सकती और अपने 10,000 कर्मचारियों को बेरोजगार नहीं कर सकती जब तक कि लोन को पुनर्गठित तथा ए.एफ.आर. ड्यूज की दोबारा गणना न की जाए। 

बी.एस.एन.एल. जो कि 4जी स्पैक्ट्रम तथा नैटवर्क को बढ़ाने की बहुत इच्छुक है, उसे वोडाफोन कम्पनी के आप्रेशंस  को 30 करोड़ उपभोक्ताओं सहित एक रुपए में खरीद लेना चाहिए। बी.एस.एन.एल. कुछ चयनित क्षेत्रों में अपनी 3जी सेवा को 4जी में बदलने हेतु कड़ी मेहनत कर रही है। इसी संदर्भ में सरकार को यह ऑफर दी गई थी कि सरकार बी.एस.एन.एल. को वोडाफोन-आइडिया के रैडीमेड 4जी नैटवर्क को खरीदने की अनुमति दे। इसके बदले में सरकार उसकी यह मांग मान ले कि पिछले 15 वर्ष की उसकी पैनल्टी तथा ब्याज इत्यादि को माफ कर दे। 

हालांकि इस ऑफर के तहत कोई लिखित दस्तावेज जमा नहीं करवाया गया है क्योंकि दूरसंचार विभाग के अधिकारी कम्पनियों की बेलआऊट के लिए बैठकें कर रहे हैं। हालांकि इस बारे में मुकुल रोहतगी से सम्पर्क नहीं हो पाया लेकिन इस टैलीफोनिक बातचीत के बाद भी वोडाफोन-आइडिया के चेयरमैन आदित्य कुमारमंगलम बिड़ला ने डी.ओ.टी. के अधिकारियों और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पिछले हफ्ते मुलाकात की। रोहतगी ने पिछले हफ्ते मीडिया से कहा था कि पूरा टैलीकॉम सैक्टर प्रभावित होगा तथा कम्पनी बंद हो जाएगी। इससे प्रतियोगिता भी खत्म हो जाएगी और केवल 2 ही फर्में बाजार में बचेंगी। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने टैलीकॉम फर्मों को अपने बकाया देयों की अदायगी तुरन्त करने का आदेश दिया था। कम्पनी पहले ही 3150 करोड़ रुपए जमा करवा चुकी है लेकिन अब उसके पास देने के लिए और कोई रुपए नहीं बचे हैं।

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