Edited By Yaspal,Updated: 01 May, 2018 07:49 PM
दिल्ली में मंगलवार को दलितों के अलग-अलग संगठनों की ओर से संसद मार्ग पर राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध दिवस का आयोजन किया गया। संसद मार्ग पर इस संबंध में एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।
नेशनल डेस्कः दिल्ली में मंगलवार को दलितों के अलग-अलग संगठनों की ओर से संसद मार्ग पर राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध दिवस का आयोजन किया गया। यहां पर एससी/एसटी एक्ट को कमजोर करने का आरोप मोदी सरकार पर लगाया गया।
माकपा की पूर्व सांसद सदस्य वृंदा करात भी इस कार्यक्रम में मौजूद थीं। उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दलितों के लिए सरकार का रवैया लापरवाही वाला है, केंद्र सरकार को दलितों की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि हम और हमारी पार्टी हमेशा दलितों के साथ है, यह लाल झंडा है तो नीला भी है जो हमारे साथ होने की गवाही दे रहा है।
एनडीएमजे के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. वीए मरेशनाथन ने एससी/एसटी एक्ट पर बोलते हुए कहा कि बेशक सरकार ने अभी रिव्यू पिटीशन दाखिल की है। लेकिन जब ये मुकदमा चल रहा था तब सरकार सक्रिय क्यों नहीं थी। एनडीएमजे के ही एक और सदस्य पॉल दिवाकर ने कहा कि हमारा प्रतिरोध दिवस देश के 22 राज्यों में एक साथ मनाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली के कार्यक्रम में आ रहे बहुत सारे लोगों को दिल्ली के अंदर और बाहर रोक दिया गया है। 2 अप्रैल की घटना पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि उस दिन सबकुछ शांति से चल रहा था, लेकिन कुछ लोगों ने मध्यप्रदेश में गोली चलाकर लोगों को उकसाया गया। एससी/एसटी एक्ट पर बोलते हुए कहा कि हमारी आपत्ति एक्ट से की जा रही छेड़छाड़ पर है। जब बिना किसी बवाल के एक्ट अपना का कर रहा है। तो उसमें संसोधन की क्या जरूरत है।