Edited By vasudha,Updated: 25 Jul, 2018 06:32 PM
आप ने चुनाव आयोग को अगले साल प्रस्तावित लोकसभा चुनाव में वीवीपेट युक्त ईवीएम से कराने की प्रतिबद्धता के बावजूद अब तक आयोग को ये मशीनें नहीं मिल पाने के पीछे मोदी सरकार की...
नेशनल डेस्क: आम आदमी पार्टी (आप) ने चुनाव आयोग को अगले साल प्रस्तावित लोकसभा चुनाव वीवीपेट युक्त ईवीएम से कराने की प्रतिबद्धता के बावजूद अब तक आयोग को ये मशीनें नहीं मिल पाने के पीछे मोदी सरकार की मशीनों में गड़बड़ी कर चुनावों को प्रभावित करने की साजिश का परिणाम बताया। आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आज इस बारे में प्रकाशित मीडिया रिपोर्टों के हवाले से कहा कि केन्द्र सरकार के स्वामित्व वाली दो कंपनियों, बीईएल और ईसीआईएल को सितंबर 2018 तक इन मशीनों की आपूर्ति करनी है ।
केन्द्र सरकार पर लगाया साजिश का आरोप
भारद्वाज ने कहा कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा देकर कहा था कि ये मशीनें सितंबर तक चुनाव आयोग को मिल जायेंगी जिससे अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले सभी जिलों में इन मशीनों का परीक्षण आदि किया जा सके। आप नेता ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब तक सिर्फ 3.48 लाख मशीनों की ही आयोग को आपूर्ति की गयी है। लेकिन अब तक सिर्फ 22 प्रतिशत वीवीपेट मशीनें ही आयी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह चुनाव प्रणाली के साथ केन्द्र सरकार की साजिश है जिससे चुनाव में गड़बड़ी की जा सके। इस मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने के लिये ही देश भर हिंदू मुस्लिम का मुद्दा उठाया जा रहा है।
मतपत्र से मतदान करने की उठाई मांग
पार्टी की आगे की रणनीति के बारे में आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि इसका मतलब साफ है कि केन्द्र सरकार ने वीवीपेट के बजाय पुरानी मशीनों से ही अगला आम चुनाव कराने की तैयारी कर ली है जिससे चुनाव में अपनी मर्जी से धांधली की जा सके। उन्होंने आयोग और सरकार से ईवीएम के बजाय मतपत्र से ही मतदान कराने की मांग की। सिंह ने कहा कि ईवीएम का विरोध करने वाले कांग्रेस और वामदलों सहित 18 दलों से वह आप की इस मांग पर समर्थन हासिल करने का प्रयास करेंगे।