Edited By Monika Jamwal,Updated: 23 Aug, 2018 11:46 PM
रियासत जम्मू कश्मीर में इस बार लोकसभा चुनावों में मतदाताओं को डाले गए मतदान का फीडबेक पहली बार मिलेगा।
कठुआ (गुरप्रीत) : रियासत जम्मू कश्मीर में इस बार लोकसभा चुनावों में मतदाताओं को डाले गए मतदान का फीडबेक पहली बार मिलेगा। इसके लिए राज्य चुनाव आयोग ने अपने स्तर पर तैयारियां कर रहा है। मतदान केंद्रों में ई.वी.एम. के साथ वोटर वेरीफाइऐबल पेपर आडिट ट्रेल(वी.वी.पैट.) का इस्तेमाल किया जाएगा। जिससे मतदान में किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका नहीं रहेगी। चुनाव आयोग हालांकि इसका इस्तेमाल इससे पहले अन्य कई राज्यों में कर चुका है लेकिन रियासत जम्मू कश्मीर में इस बार वी.वी.पैट. का इस्तेमाल पहली बार होगा। राज्य में इन मशीनों को लेकर 16 करोड़ रुपये का खर्च भी आया है।
दरअसल लोकसभा चुनावों में इस बार ई.वी.एम. के साथ वी.वी.पैट. भी इंस्टाल की जाएगी। मतदान के समय हर मतदाता को उनके द्वारा डाले गए वोट की जानकारी मशीन के साथ ही स्क्रीन पर सात सैकेंड तक डिस्पले होगी। जिसमें उम्मीदवार का नाम और चुनाव चिन्ह दर्शाया जाएगा। इस प्रक्रिया के बाद आटोमेटिक तरीके से एक पर्ची भी वी.वी.पैट. के साथ डिब्बे में बंद हो जाएगी। ई.वी.एम. मतदान का डाटा अलग से स्टोर करेगी जबकि वी.वी.पैट. अलग से डाटा स्टोर करेगी। मतगणना के समय सिर्फ ई.वी.एम. ही केंद्र में जाएगी। जबकि अगर बाद में कोई नतीजों में आपत्ति जताता है तो फिर कोर्ट के आदेशों पर ही ई.वी.एम. और वी.वी.पैट. के आंकड़ों का मिलान होगा। एक तरह से यह कदम चुनावी एवं मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने जैसा है। लोकसभा के बाद इनका इस्तेमाल आगामी विधानसभा चुनावों में भी किया जा सकता है।
कई राज्यों में हो चुका इस्तेमाल
वोटर वेरीफ़ाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानी वीवीपैट (वीवीपीएट) और मतदान के बाद पर्ची एक तरह से मतदान की पूरी स्टीक जानकारी स्टोर करती है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड ने यह मशीन 2013 में बनाई थी। चुनाव आयोग के निर्देशों पर इसका सबसे पहला इस्तेमाल नागालैंड के चुनाव में वर्ष 2013 को किया था। जिसके बाद माननीय उच्चतम न्यायलय ने वी.वी.पैट. मशीन बनाने और इसके लिए फंड उपलब्ध करवाने के निर्देश केंद्र को दिए थे। चुनाव आयोग अब 2019 मेें होने वाले चुनावों में तमाम मतदान केंद्रों में वी.वी.पैट. का इस्तेमाल करेगा। आपको बता दें कि इसका गत पांच राज्यों के हुए विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल हो चुका है।
पंचकुला से मंगवाया गया वी.वी.पैट. का स्टाक
गत दिनों जम्मू संभाग के विभिन्न जिलों से बकायदा स्टाफ को मशीनें लेने के लिए भेजा गया था। राज्य चुनाव आयोग ने इसके लिए जम्मू संभाग से के.ए.एस. अधिकारी चांद किशोर शर्मा को नोडल अधिकारी बनाया था, शर्मा मौजूदा समय में जिला कठुआ में उप चुनाव अधिकारी हैं। पंचकुला से उनकी अगुवाई में सुरक्षा के कड़े प्रबंधों के बीच वी.वी.पैट. मशीनों को सबसे पहले कठुआ जिला मुख्यालय पर लाया गया था। यह एक रात के लिए इन मशीनों को पुलिस टे्रनिंग स्कूल में रखा गया था। जिसके बाद तमाम जिलों के लिए इन मशीनों को सुरक्षा के बीच भेजी गईं। कश्मीर संभाग के लिए करीब सात हजार मशीनें भी आगामी दिनों में राज्य में लाई जाएंगी। जिसके बाद दोनों संभागों में चुनाव कर्मियों को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। आपको बता दें कि चांद किशोर शर्मा इसाके पहले से ही स्टेट मास्टर ट्रेनर हैं।
जम्मू संभाग के दस जिलों के लिए वी.वी.पैट. राज्य में आ चुकी हैं जबकि कश्मीर संभाग की मशीनों को लेने के लिए वे आगामी 27 अगस्त को फिर पंचकुला जा रहे हैं। सुरक्षा के बीच पहले मशीनें कठुआ लाई जाएंगी जिसके बाद कश्मीर संभाग के जिलों में भेजी जाएंगी......चांद किशोर शर्मा, नोडल अधिकारी, जम्मू व कश्मीर।
जिला वी.वी.पैट मशीनों की संख्या
किश्तवाड़ 420
डोडा 380
रामबन 330
रियासी 450
उधमपुर 700
कठुआ 870
सांबा 350
जम्मू 1680
राजौरी 810
पुंछ 450
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कुल 6440