Edited By Riya bawa,Updated: 07 Apr, 2020 02:01 PM
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के संदिग्ध...
नई दिल्ली : कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच केरल के एर्नाकुलम में वॉक इन सैंपल कलेक्शन (WISK) कियॉस्क यानी बूथ की शुरुआत की गई है। इसके जरिए जो भी कोविड-19 का संदिग्ध है, उसके सैंपल इकट्ठा किए जा सकेंगे। गले का सैंपल लेते वक्त कियॉस्क में हेल्थवर्कर भी मौजूद रहेंगे कियॉस्क को सरकारी मेडिकल कॉलेज (एमसीएच), एर्नाकुलम, मेडिकल ऑफिसर्स और डॉक्टरों के नेतृत्व वाली टीम की सलाह पर स्वदेशी रूप से बनाया गया है। ये दक्षिण कोरिया में इस्तेमाल किए जा रहे कियॉस्क पर आधारित हैं।
पीपीई के उपयोग को करेगा कम
ये पीपीई के उपयोग को कम करने में मदद करेंगे, जिसकी लागत एक किट के लिए 1000 रुपये है। इसके अलावा वन-टाइम यूज किट से पैदा होने वाले कचरे को भी कम करने में मदद करता है। ये कियॉस्क समुदाय के प्रसार के मामले में मददगार होंगे, जिसमें बहुत अधिक टेस्ट्स किए जाएंगे। स्वैब यानी गले का सैंपल लेने में केवल एक या दो मिनट लगते हैं।