Edited By Mahima,Updated: 20 Sep, 2024 03:35 PM
बिहार के मुंगेर में गंगा नदी के उफान पर होने से इलाके में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। जिले के कई प्रखंडों में गंगा का पानी कई गांवों और पंचायतों में घुस चुका है, जिससे आम लोगों के साथ-साथ जानवरों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ के...
नेशनल डेस्क: बिहार के मुंगेर में गंगा नदी के उफान पर होने से इलाके में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। जिले के कई प्रखंडों में गंगा का पानी कई गांवों और पंचायतों में घुस चुका है, जिससे आम लोगों के साथ-साथ जानवरों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ के कारण जिले के 51 स्कूल प्रभावित हुए हैं, जिसके चलते सभी स्कूलों को तीन दिन के लिए बंद करने का आदेश जारी किया गया है।
टीचर्स ने किया अनोखा काम
गुरुवार की सुबह जब जमालपुर प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय घटवा टोला बोचाही में बाढ़ का पानी घुस गया, तो शिक्षकों ने एक अनोखा कदम उठाया। विद्यालय में करीब 4 से 5 फीट पानी जमा हो गया था। ऐसे में स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक और शिक्षकों ने विद्यार्थियों को छुट्टी दे दी, लेकिन अपनी ऑनलाइन अटेंडेंस सुनिश्चित करने के लिए नेशनल हाईवे पर कुर्सी और टेबल लगाकर बैठ गए। प्रभारी हेडमास्टर प्रभात रंजन, शिक्षक प्रेम कुमार और प्रशांत कुमार ने बरियारपुर-मुंगेर जाने वाली मुख्य सड़क (एनएच-80) पर बैठकर धूप में काम किया। इस दृश्य को देखकर वहां से गुजरने वाले लोग हैरान रह गए।
हेडमास्टर का बयान
हेडमास्टर प्रभात रंजन ने कहा, "हमारा स्कूल बाढ़ के पानी में डूब गया है। इसलिए हम सड़क पर बैठकर ऑनलाइन अटेंडेंस बना रहे हैं। विभाग के आदेश के अनुसार हमें यह करना पड़ा है। हम विभाग को इस स्थिति की जानकारी दे चुके हैं और अब जैसे आदेश आएंगे, वैसा ही करेंगे।" उन्होंने बताया कि विद्यालय में कुल 56 नामांकित छात्र हैं।
कैसी थी प्रशासन की प्रतिक्रिया
बाढ़ की बढ़ती स्थिति को देखते हुए, जिले के डीएम अवनीश कुमार सिंह ने सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश जारी किया है। उन्होंने कहा कि मुंगेर में बाढ़ प्रभावित कुल 51 स्कूलों को चिन्हित करते हुए तीन दिन के लिए बंद रखने का निर्णय लिया गया है। आगे बाढ़ की स्थिति को देखते हुए निर्णय लिया जाएगा।
बिहार में टीचर्स की ऑनलाइन अटेंडेंस के नियम
बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने 27 अगस्त 2024 को टीचर्स की ऑनलाइन अटेंडेंस के नियमों को लागू करने के लिए सख्त निर्देश दिए थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि 01 अक्टूबर से केवल उन्हीं शिक्षकों को वेतन दिया जाएगा, जो ऑनलाइन अटेंडेंस के नियम का पालन करेंगे। यदि किसी शिक्षक को छुट्टी लेनी है, तो उसे पहले प्रिंसिपल से अनुमति लेनी होगी और फिर ई-शिक्षाकोष मोबाइल एप के माध्यम से आवेदन करना होगा। अगर किसी शिक्षक को स्कूल के काम से बाहर जाना है, तो उन्हें मोबाइल एप पर अटेंडेंस का अलग विकल्प दिया गया है।
प्रिंसिपल की अनुमति के बाद ही वे स्कूल से बाहर जाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह एप केवल स्कूल के 500 मीटर के भीतर ही काम करेगा। यह अनोखी स्थिति दिखाती है कि कैसे शिक्षकों ने बाढ़ के संकट के बावजूद अपनी जिम्मेदारियों का पालन किया। उनकी इस समर्पण और मेहनत ने यह साबित कर दिया है कि शिक्षा का महत्व कभी कम नहीं होता, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों। सभी को इस मुश्किल घड़ी में एकजुटता और सहानुभूति के साथ एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए।