त्रिपुरा-बांग्लादेश के बीच विभाजन से पूर्व का जलमार्ग फिर से बहाल, द्विपक्षीय व्यापार को मिलेगा बढ़ा

Edited By Yaspal,Updated: 28 Aug, 2020 09:22 PM

waterway restored before tripura bangladesh split

भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में एक नए युग की शुरुआत हुई है। दरअसल दोनों देशों में विभाजन से पहले का नदी जल परिवहन संपर्क फिर से बहाल हो गया है। हाल ही में बांग्लादेश अंतर्देशीय जल परिवहन प्राधिकरण ने त्रिपुरा के सोनामुरा बंदरगाह और पड़ोसी देश के...

नई दिल्लीः भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में एक नए युग की शुरुआत हुई है। दरअसल दोनों देशों में विभाजन से पहले का नदी जल परिवहन संपर्क फिर से बहाल हो गया है। हाल ही में बांग्लादेश अंतर्देशीय जल परिवहन प्राधिकरण ने त्रिपुरा के सोनामुरा बंदरगाह और पड़ोसी देश के चिटगांव संभाग के दाउदकंदी बंदरगाह के बीच मालवाहक पोत की आवाजाही को मंजूरी दे दी।

प्राधिकरण ने इस साल 20 मई को इसकी मंजूरी दी थी और कहा था कि भारत बांग्लादेश के बीच प्रोटोकॉल के तहत अंतर्देशीय जल परिवहन और व्यापार होगा। दोनों देशों के पोत निर्धारित रूट से बंदरगाहों के बीच चलेंगे। इससे द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। इससे कारोबारियों को लाभ होगा और दोनों देशों के लोगों का भरोसा बढ़ेगा।

भारत बांग्लादेश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, बांग्लादेश के अब्दुल मतलूब अहमद ने कहा कि जलमार्ग परिवहन का सबसे सस्ता माध्यम है और इसमें रखरखाव लागत भी कम आती है। इस जलमार्ग को फिर से खोलना एक गेम चेंजर साबित होगा। मतलूब ने कहा कि यह भारत और बांग्लादेश दोनों के लिए फायदे का सौदा होगा।

अगले हफ्ते पहली खेप में ढाका से आएगा सीमेंट
गोमती नदी पर सोनामुरा से दाउदकंदी का 93 किलोमीटर लंबा रूट त्रिपुरा का पहला प्रोटोकॉल रूट होगा। त्रिपुरा सरकार ने जहाजरानी मंत्रालय की मदद से पहले ही एक अस्थायी बंदरगाह तैयार कर लिया है, जहां सामान की लोडिंग अनलोडिंग होगी। सितंबर के पहले हफ्ते में ट्रायल रन के तहत इस जल मार्ग से 50 मीट्रिक टन सीमेंट ढाका से सोनामुरा पहुंचेगा

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