Edited By Monika Jamwal,Updated: 25 Dec, 2018 11:39 AM
जम्मू कश्मीर पुलिस के पूर्व डीजीपी के रजिन्द्रा कुमार ने चिंता जताई है कि सरेंडर करने वाले आतंकियों के लिए पुलिस के पास कोई ठोस नीति नहीं है।
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर पुलिस के पूर्व डीजीपी के रजिन्द्रा कुमार ने चिंता जताई है कि सरेंडर करने वाले आतंकियों के लिए पुलिस के पास कोई ठोस नीति नहीं है। उन्होंने कहा कि सरेंडर कर चुके आतंकियों को काम पर लगाने के लिए कुछ करना होगा अन्यथा यह चिंता का विषय हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इनमें से दस प्रतिशत भी अगर फिर से आतंकी बनते हैं तो समस्या खड़ी कर सकते हैं।
रजिन्द्रा ने कहा कि मौजूदा समय में 25000 सरेंडर आतंकी हैं र हम इनको कहीं लगाने में नाकाम हो रहे हैं। हमे इस सुधार हेतु काम करना होगा। जम्मू कश्मीर पुलिस किन मुद्दों को झेल रही है, इस पर पूर्व डीजीपी टाइम्स ऑफ इंडिया के पूणे यूनियन ऑफ वर्किंग जनर्लिस्ट में एक लेक्चर दे रहे थे। यह भाषण एक एनजीओ ने चलाया था जो जम्मू कश्मीर में बच्चों के लिए स्कूल और कालेज चलाती है। 1984 बैच के आईपीएस अफिसर ने साफ शब्दों में कहा कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर एक रोडमैप तैयार होना चाहिये।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में सरकार बदल गई पर कश्मीर को लेकर उनकी नीति नहीं बदली। उनके पास साफ नीति है पर कश्मीर को लेकर ऐसी नीति भारत के पास नहीं है। उन्होंने कहा कि आतंकी संगठन सोशल मीडिया का प्रयोग कर रहे हैं। युवाओं को बरगला रहे हैं। इसके लिए ठोस नीति होनी चाहिये।