Edited By Anil dev,Updated: 17 Aug, 2019 10:49 AM
कुत्ता सबसे वफादार पालतू जानवर होता है और अपने मालिक की रक्षा के लिए वह कुछ भी कर सकता है। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में अपनी मालिकन की जान बचाने के लिए चार साल का टाइगर नाम का एक कुत्ता खुद की जान पर खेल गया। टाइगर की बहादुरी के कारण 58 साल की...
नई दिल्ली: कुत्ता सबसे वफादार पालतू जानवर होता है और अपने मालिक की रक्षा के लिए वह कुछ भी कर सकता है। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में अपनी मालिकन की जान बचाने के लिए चार साल का टाइगर नाम का एक कुत्ता खुद की जान पर खेल गया। टाइगर की बहादुरी के कारण 58 साल की अरुणा लामा की जिंदगी बच गई।
जानकारी के मुताबिक सोनादा निवासी अरुणा लामा जब स्टोररूम में रखे हुए मुर्गे देखने गई तो उनके पैरों तले जमीन निकल गई। दरअसल वहां पर तेंदुआ बैठा हुआ था। घबराहट में उन्होंने दरवाजा बंद करने की कोशिश की लेकिन तब तक तेंदुए ने उन पर हमला बोल दिया। तेंदुए से खुद को बचाने के लिए जब अरुणा संघर्ष कर रही थीं, टाइगर उनकी सहायता के लिए बीच में कूद पड़ा। तेज आवाज में भौंकते हुए टाइगर अरुणा और तेंदुए के बीच मजबूत दीवार की तरह खड़ा हो गया। वह लगातार तेज आवाज में भौंकता रहा।
टाइगर की बहादुरी के आगे तेंदुए ने भी हार मान ली और वह वहां से भाग निकला। स्टोररूम में इस संघर्ष के दौरान अरुणा को कुछ चोटें जरूर आई हैं लेकिन उनकी जिंदगी बच गई। मीडिया से बातचीत के दौरान अरुणा की बेटी स्मृति ने बताया, 'तेंदुए के साथ बहादुरी से लड़ते हुए टाइगर ने मेरी मां की जिंदगी बचा ली। अगर वह सही समय पर ऐसा नहीं करता तो आज पता नहीं आज क्या हो जाता। यह घटना पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है।