Edited By prachi upadhyay,Updated: 30 Aug, 2019 03:00 PM
पश्चिम बंगाल विधानसभा में मॉब लिंचिंग के खिलाफ बिल पेश किया गया है। जिसके अनुसार मॉब लिंचिंग में दोषी पाए जाने पर आरोपियों को उम्रकैद की सजा होगी। राज्य की ममता सरकार ने इस विधेयक को पेश करते हुए बताया कि इस बिल का मुख्य उद्देश्य कमजोर लोगों के...
कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा में मॉब लिंचिंग के खिलाफ बिल पेश किया गया है। जिसके अनुसार मॉब लिंचिंग में दोषी पाए जाने पर आरोपियों को उम्रकैद की सजा होगी। राज्य की ममता सरकार ने इस विधेयक को पेश करते हुए बताया कि इस बिल का मुख्य उद्देश्य कमजोर लोगों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना और भीड़ द्वारा की जाने वाली हत्या की घटनाओं को रोकना है। राजस्थान और मणिपुर के बाद मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनानेवाला बंगाल तीसरा राज्य बन गया है।
दरअसल, देश में भीड़तंत्र द्वारा लगातार हो रही घटनाओं सरकार के लिए चिंता का सबब बन गई है। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने भी मॉब लिंचिंग को एक अलग अपराध बताते हुए सभी राज्यों को उसके लिए अलग कानून बनाने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद 2018 के अंत में मणिपुर में मॉब लिंचिंग के खिलाफ राज्य सरकार ने एक कानून पारित किया था। इधर मणिपुर के बाद राजस्थान की गहलोत सरकार ने भी अगस्त 2019 में मॉब लिंचिंग के खिलाफ राजस्थान लिंचिंग संरक्षण विधेयक- 2019 विधानसभा में पेश किया था, जो पारित हो गया था।
आपको बता दें कि कई राज्य में जगह-जगह अफवाहों के चलते भीड़ द्वारा लोगों की हत्या के मामले सामने आ रहे हैं। इन मामलों में लोग बच्चा चोर या फिर किसी सांप्रदायिक मामले में किसी भी व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर देते हैं। इस तरह की हत्या के पीछे कोई एक शख्स नहीं बल्कि पूरी भीड़ जिम्मेदार होती है।