Edited By Yaspal,Updated: 09 Aug, 2022 07:35 PM
विपक्षी दलों ने बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि यह भाजपा की ‘धमकी की राजनीति' की परिणति है तथा भारतीय राजनीति में बदलाव का संकेत है
नई दिल्लीः विपक्षी दलों ने बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि यह भाजपा की ‘धमकी की राजनीति' की परिणति है तथा भारतीय राजनीति में बदलाव का संकेत है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘‘मार्च 2020 में, मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को गिराने के लिए मोदी सरकार ने कोविड-19 लॉकडाउन को आगे बढ़ा दिया था। अब संसद सत्र निर्धारित समय से छोटा करना पड़ा, क्योंकि बिहार में उनकी गठबंधन सरकार जा रही है। उत्थान के बाद पतन तय होता है।''
कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा का ओवर कॉन्फ़िडेन्स ही भाजपा का अभिशाप। अपने साथी दलों के प्रति उदासीनता भाजपा के पतन का कारण बनेगी। नीतीश कुमार के साथ बिहार निकल जाना राजनीतिक रूप से विपक्ष की एकता के लिए सौग़ात और भाजपा के लिए आत्मघाती सिद्ध होगा।'' भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा ने कहा, ‘‘भाजपा के अधिनायकवाद ने सहयोग के लिए गुंजाइश नहीं छोड़ी है। अकाली दल, शिवसेना के बाद जद(यू) इसकी ताजा मिसाल है। भाजपा और अन्नाद्रमुक के रिश्तों भी दरार है।''
भाकपा सांसद विनय विश्वम ने कहा कि बिहार का घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि बदलाव हो रहा है। विश्वम ने ट्वीट किया, ‘‘बिहार ने यह संकेत दिया है कि भारतीय राजनीति में बदलाव हो रहा है। इसका अंतिम नतीजा क्या होगा, यह प्रमुख दलों के दृष्टिकोण पर निर्भर करता है। वाम दल अपनी जिम्मेदार भूमिका का निर्वहन करेंगे।'' तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओब्रायन ने दावा किया कि बिहार के घटनाक्रम के कारण ही सरकार ने संसद के मॉनसून सत्र को तय अवधि से पहले स्थगित करवा दिया।
बिहार में नीतीश कुमार ने मंगलवार को ‘‘राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के मुख्यमंत्री'' के तौर पर अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया और इसके बाद सर्वसम्मति से ‘महागठबंधन' का नेता चुने जाने पर उन्होंने नयी सरकार बनाने का दावा पेश किया। वहीं, जद(यू) की गठबंधन सहयोगी रही भाजपा ने नीतीश कुमार पर ‘‘धोखा'' देने का आरोप लगाया है।