मोदी सरकार के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा WhatsApp, सोशल मीडिया के नई नियमों को किया चैलेंज

Edited By Seema Sharma,Updated: 26 May, 2021 01:20 PM

whatsapp reached delhi high court against modi government

व्हाट्सऐप (whatsapp) ने नए सोशल मीडिया मध्यवर्ती नियमों पर केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है, जिसके तहत संदेश सेवाओं के लिए यह पता लगाना जरूरी है कि किसी संदेश की शुरुआत किसने की। WhatsApp ने कोर्ट में अपील की है कि नए डिजिटल...

नेशनल डेस्क: व्हाट्सऐप (whatsapp) ने नए सोशल मीडिया मध्यवर्ती नियमों पर केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है, जिसके तहत संदेश सेवाओं के लिए यह पता लगाना जरूरी है कि किसी संदेश की शुरुआत किसने की। WhatsApp ने कोर्ट में अपील की है कि नए डिजिटल नियमों पर रोक लगे क्योंकि यह यूजर्स की प्राइवेसी के खिलाफ है। WhatsApp ने कहा कि यह नए कानून गैर-संवैधानिक है क्योंकि यूजर्स की प्राइवेसी इससे खतरे में आती है। यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है, जबकि नए IT नियमों के जरिए सोशल मीडिया कंपनियों को अधिक से अधिक जवाबदेह और जिम्मेदार बनाने की कवायद चल रही है।

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सूत्रों के अनुसार WhatsApp  ने हाल ही में लागू किए गए IT नियमों के खिलाफ 25 मई को दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके तहत उसके ऐप के जरिए भेजे गए मैसेज की शुरुआत कहां से हुई, यह पता लगाना जरूरी होगा। संपर्क करने पर WhatsApp के एक प्रवक्ता ने कहा कि मैसेजिंग ऐप के लिए चैट पर निगाह रखने की आवश्यकता, उन्हें व्हाट्सऐप पर भेजे गए हर एक संदेश का फिंगरप्रिंट रखने के लिए कहने के बराबर है।

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प्रवक्ता ने कहा कि यह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को तोड़ देगा और लोगों के निजता के अधिकार को कमजोर करेगा। प्रवक्ता ने कहा कि हम दुनिया भर में लगातार नागरिक समाज और विशेषज्ञों के साथ उन अनिवार्यताओं का विरोध कर रहे हैं, जो हमारे उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता का उल्लंघन करेंगे। इस बीच, हम लोगों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से व्यावहारिक समाधानों पर भारत सरकार के साथ बातचीत जारी रखेंगे।

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नए सूचना प्रौद्योगिकी नियम बुधवार 26 मई से प्रभाव में आएंगे और इनकी घोषणा 25 फरवरी को की गई थी। इस नए नियम के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसी बड़े सोशल मीडिया मंचों को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी। इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं। प्रमुख सोशल मीडिया मंचों को नए नियमों के अनुपालन के लिए तीन महीने का समय दिया गया था।

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इस श्रेणी में उन मंचों को रखा जाता है, जिनके पंजीकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या 50 लाख से अधिक है। नियमों का पालन न करने के परिणामस्वरूप इन सोशल मीडिया कंपनियों को अपनी मध्यस्थ की स्थिति खोनी पड़ेगी। यह स्थिति उन्हें किसी भी तीसरे पक्ष की जानकारी और उनके द्वारा ‘होस्ट' किए गए डाटा के लिए दायित्वों से छूट और सुरक्षा प्रदान करती है। दूसरे शब्दों में, उन पर कार्रवाई की जा सकती है।

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