Edited By Auto Desk,Updated: 24 Mar, 2022 11:10 AM
मौसम में बदलाव के चलते चैत्र के महीने में ही बैसाख जैसी गर्मी पड़ने लगी है। तापमान बढ़ने और गर्म हवा चलने से गेहूं की फसल जल्दी पक रही है।
मौसम में बदलाव के चलते चैत्र के महीने में ही बैसाख जैसी गर्मी पड़ने लगी है। तापमान बढ़ने और गर्म हवा चलने से गेहूं की फसल जल्दी पक रही है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम में इस बदलाव से फसल का उत्पादन प्रभावित होगा। कृषि विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार रादौर ब्लाक में 14 हजार चार सौ चालीस हैक्टेयर में गेहूं की फसल लगी है। ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ना भी लाजमी है।
गेहूँ उत्पादक किसानों पर इस साल मौसम की मार पड़ती नजर आ रही है, पहले जहाँ बेमौसमी बरसात के कारण फसल प्रभावित हुई, अब समय से पहले पढ़ रहे गर्मी के कारण फसल का उत्पादन घटने के आसार हैं। रादौर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के खंड कृषि विकास अधिकारी प्रवीन कुमार ने बताया कि मौसम में बदलाव का असर इस बार गेहूं की फसल पर देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा की गेहूं के जिस दाने को पकने का समय मिलना चाहिए था, वो समय से पहली पड़ रही गर्मी के कारण नहीं मिल सका है, जिस वजह से गेहूं का दाना जल्दी तैयार हो जाने के कारण उसका वेट कम होगा। जिससे फसल का उत्पादन घटेगा। उन्होंने कहा कि इससे प्रति एकड़ 10 से 20 प्रतिशत तक उत्पादन प्रभावित हो सकता हैं। वहीं उन्होंने बदलते मौसम का मुख्य कारण ग्लोबल वर्मिंग बताया हैं।
मार्च महीने में ही इस बार अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया हैं। आमतौर पर इतना तापमान अप्रैल के पहले व दूसरे सप्ताह में होता हैं। मौसम की इस मार से गेहूं की फसल समय से पहले पक रहीं हैं। ऐसे में फसल पक जाने के कारण मार्च महीने के अंत तक इस फसल को काटना ही पड़ेगा।