प्रदूषण को मात देगा 'हरा खून', जानिए क्या है यह

Edited By Seema Sharma,Updated: 15 Nov, 2019 02:19 PM

wheat grass juice will beat serious pollution

बढ़ते प्रदूषण और उसके खतरनाक प्रभाव से बचने के तमाम उपाय अपनाने में लगे लोगों के लिए ह्वीट ग्रास जैसा प्रकृति का अनमोल तोहफा बहुत मददगार साबित हो सकता है जो न केवल प्रदूषण बल्कि कई अन्य बीमारियों से लड़ने में भी सक्षम है। विशेषज्ञों ने गेहूं के...

नई दिल्लीः बढ़ते प्रदूषण और उसके खतरनाक प्रभाव से बचने के तमाम उपाय अपनाने में लगे लोगों के लिए ह्वीट ग्रास जैसा प्रकृति का अनमोल तोहफा बहुत मददगार साबित हो सकता है जो न केवल प्रदूषण बल्कि कई अन्य बीमारियों से लड़ने में भी सक्षम है। विशेषज्ञों ने गेहूं के ज्वारे के जूस को ‘सुपर फूड' और ‘हरा खून' के नाम दिया है और उनका कहना है कि 70% क्लोरोफिल युक्त प्रकृति के इस वरदान से कैंसर, थैलेसीमिया और त्वचा रोग समेत कई बीमारियों से लड़ा जा सकता है।

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क्या करता है ह्वीट ग्रास जूस

  • ह्वीट ग्रास के जूस में अनेक अनमोल पोषक तत्व एवं रोग निरोधक गुण पाए जाते हैं।
  • इसका सबसे प्रमुख तत्व क्लोरोफिल है जिसकी प्रकृति खून में ऑक्सीजन के प्रवाह के लिए जिम्मेदार हीमोग्लोबिन की तरह है।
  • ह्वीट ग्रास में डिटॉक्सिफिकेशन का बहुत बड़ा गुण है। हमारे शरीर की गंदे और जहरीले पदार्थों को निकाल बाहर करने में इसकी महती भूमिका है

 

कई बीमारियों में कारगर है ह्वीट ग्रास जूस
वायु के खतरनाक स्तर पर पहुंचने से तमाम तरह के रोग उत्पन्न होने का खतरा है और दमा, फेफड़ा और हृदय रोग से ग्रस्त लोगों की समस्याएं और बढ़ सकती हैं। रोगनिरोधक क्षमता बढ़ाने और वायु प्रदूषण की वजह से शरीर के अंदर गए जहरीले तत्वों को बाहर निकालने की कोशिश के तकत ह्वीट ग्रास जूस कारगर साबित हो सकता है।

  • इसके सेवन से रक्त की कमी
  • उच्च रक्तचाप
  • अस्थमा
  • ब्रोंकाइटिस
  • साइनस
  • पाचन संबंधी रोग
  • कैंसर
  • आंतों की सूजन
  • दांत संबंधी समस्याओं
  • एक्जिमा
  • किडनी संबंधी रोग
  • थायराइड ग्रंथि के रोग और अनेक ऐसी बीमारियों के लिए ह्वीट ग्रास अनमोल औषधि हैं। जूस अथवा पाउडर के रूप में भी इसका सेवन किया जा सकता है।

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ह्वीट ग्रास पर इन्होंने किया सबसे पहले शोध
राजस्थान के डॉ ओम वर्मा ने बताया कि डॉ एन विग्मोर ह्वीट ग्रास पर शोध करने वाली और उसका कई बीमारियों पर साकारात्मक परिणाम प्राप्त करने वाली संभवत: विश्व की पहली शख्सियत हैं। रॉ फूड मूवमेंट की जननी के रूप में जानी जाने वाली डॉ विग्मोर अमेरिका के लिथुनिया में वर्ष 1908 में जन्मीं थी और अपनी दादी के पास रहती थी। इस दौरान उन्होंने अपनी दादी को ह्वीट ग्रास एवं अन्य जड़ी-बूटियों से इलाज करते देखा था। उन्हें कहीं भी कुछ चोट लगती थी अथवा त्वचा में खून निकलता था, उनकी दादी जादूगर की तरह कुछ हरी पत्तियों को मल देती थीं और उनका दर्द छूमंतर हो जाता था। उनकी दादी प्रथम विश्व युद्ध के दौरान घायल हुए सैनिकों का भी जड़ी-बूटियों से इलाज करती थीं। इससे डॉ विग्मोर बहुत प्रभावित हुई।

 

डॉ वर्मा ने कहा कि किस्मत इंसान को न जाने कहां से कहां ले जाती है। डॉ विग्मोर 1940 के दशक में स्वयं कैंसर की शिकार हो गईं। उन्होंने इसके पहले डेनमार्क की डॉक्टर क्रिस्टीन नोल्फी को अपना ब्रेस्ट कैंसर रॉ फूड डाइट से ठीक करते देखा था। इस डाइट में ह्वीट ग्रास का जूस भी शामिल था। डॉ विग्मोर ने भी ह्वीट जूस के महत्व को अच्छी तरह समझ लिया था और उन्होंने अपनी जीवन शैली में बदलाव करते हुए रॉ फूड एवं ह्वीट ग्रास के जूस से कैंसर पर विजय पा ली।'' डॉ विग्मोर ने ह्वीट ग्रास के जूस की हीलिंग प्रॉप्टीज, अन्य विटामिन्स और एन्जाइम्स से भरपूर होने के महत्व को समझते हुए 35 साल तक इसके गुणों से लोगों को लाभान्वित करने का व्रत लिया।

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उन्होंने वर्ष 1956 में -रेड स्कूलहाउस नाम की संस्था गठित की। तत्कालीन राष्ट्रपति के निजी चिकित्सक डॉ पॉल डुडले, हावर्ड यूनिविर्सिटी के फैक्लटी मेम्बर और अमेरिकन हार्ट  एसोसिएशन के सदस्य उनके सबसे बड़े समर्थक बन गए। इन लोगों के डॉ विग्मोर की चिकित्सा संस्था में ऐसे रोगियों को भेजना शुरू कर दिया जिन्हें आधुनिक चिकित्सा से ठीक नहीं किया जा सकता था। डॉ विग्मोर की संस्था ‘हिप्पोक्रेट्स हेल्थ इंस्टीट्यूूट' नाम से बड़े संस्थान के रूप में 1961 में बोस्टन में और कालांतर अन्य शहरों में स्थापित हुआ और वैकल्पिक चिकित्सा केन्द्र के रुप में लोकप्रिय है।

 

डॉ वर्मा ने कहा कि 84 साल की उम्र में एक हादसे में डॉ विग्मोर की मौत हो गई। वह अपनी उम्र से कई साल छोटी दिखती थीं। वह पूरी तरह स्वस्थ थीं और 20 साल के नौजवान की तरह उनमें ऊर्जा और फुर्ती थी। राजस्थान के डॉ ओम वर्मा ने कहा कि ह्वीट ग्रास एवं अन्य लाइव फूड से ऐसे हजारों लोगों को अमेरिका की डॉ एन विग्मोर ने ठीक किया है जिन्हें चिकित्सकों ने जवाब दे दिया था। ह्वीट ग्रास जूस डिटॉक्सिफिकेशन के गुणों से भरपूर है।

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