Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Dec, 2017 09:21 AM
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के राज्यसभा में दाखिल होने के बाद उनका प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है। हाल ही में उन्होंने हरियाणा के उन भाजपा सांसदों से मुलाकात की जो राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व के खिलाफ सार्वजनिक रूप से अपने विचार रख रहे...
नेशनल डेस्कः भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के राज्यसभा में दाखिल होने के बाद उनका प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है। हाल ही में उन्होंने हरियाणा के उन भाजपा सांसदों से मुलाकात की जो राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व के खिलाफ सार्वजनिक रूप से अपने विचार रख रहे हैं। इन सांसदों ने मुख्यमंत्री के विरुद्ध मोर्चा खोल रखा है और उनकी आलोचना करने का कोई अवसर नहीं छोड़ते। स्थिति से तंग आकर खट्टर ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री मोदी से की जिन्होंने उनको भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पास भेजा। शाह ने लोकसभा के भाजपा सांसदों की शिकायतें सुनीं।
अमित शाह उस समय बहुत हैरान हुए जब उन्हें मालूम हुआ कि सांसदों की शिकायतें उनके जिलों के मैजिस्ट्रेटों और एस.एस.पी. से संबंधित हैं जो उनकी बात को नहीं सुनते। सांसदों ने शाह को बताया कि वे उन लोगों के प्रति जवाबदेह हैं जो अपनी शिकायतें लेकर उनके पास आते हैं। लोगों की शिकायतों का हल करने का एक ही तरीका है कि उनके जिलों के अधिकारी उनकी बात सुनें। अमित शाह ने सांसदों को बताया कि वह इस बात को देखेंगे कि अच्छे अधिकारियों को ही नियुक्त किया जाए लेकिन उन्हें सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री की आलोचना नहीं करनी चाहिए। शाह ने इन सांसदों को सख्ती से बताया, ‘‘मैं यह सब कुछ बर्दाश्त नहीं कर सकता। अगर आपने सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री की आलोचना की तो आप खुद को पार्टी से बाहर समझ सकते हैं।’’ शाह की इस चेतावनी के बाद सभी सांसद एकदम खामोश हो गए।