#farmersprotest- जब किसानों के लिए सड़कों पर उतरे अटल बिहारी वाजपेयी, 5 दिन जेल में रहे थे बंद

Edited By Seema Sharma,Updated: 08 Dec, 2020 10:50 AM

when atal bihari vajpayee went to jail for farmers

केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों द्वारा मंगलवार को बुलाए गए भारत बंद के मद्देनजर कई राजनीतिक दल उनके समर्थन में आगे आए हैं। मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून के खिलाफ हजारों किसान पिछले 13 दिन से सिंघू बॉर्डर पर सर्दी के मौसम...

नेशनल डेस्क: केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों द्वारा मंगलवार को बुलाए गए भारत बंद के मद्देनजर कई राजनीतिक दल उनके समर्थन में आगे आए हैं। मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून के खिलाफ हजारों किसान पिछले 13 दिन से सिंघू बॉर्डर पर सर्दी के मौसम में भी जुटे हुए हैं। किसानों की मांग है कि मोदी सरकार कृषि कानून को वापिस ले। हालांकि केंद्र किसानों को कई बार समझा चुकी है कि इस कृषि कानून से उनका फायदा ही होगा। किसानों के समर्थन में विपक्षी पार्टियां भी मोदी सरकार पर हमलावर हैं। यहां आपको बता दें कि जिस भाजपा सरकार के खिलाफ आज प्रदर्शन हो रहा है, कभी इसी पार्टी के कद्दावर नेता और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी किसानों के लिए जेल गए थे। किसानों के हक में आवाज उठाने के लिए तब की कांग्रेस सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी को नैनी जेल में पांच दिन के लिए बंद रखा था।

 

कभी कांग्रेस से परेशान थे किसान
साल 1973 में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और हेमवती नंदन बहुगुणा के हाथों सत्ता की बागडोर थी। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी जनसंघ के नेता था वे अक्सर कांग्रेस के खिलाफ अलग-अलग मुद्दों को लेकर आवाज उठाते रहते थे। साल 1973 में गेहूं का काफी अच्छी फसल हुई थी लेकिन यूपी की कांग्रेस सरकार चाहती थी कि किसान सरकारी दामों पर अपनी फसल बेचे। किसान इसके लिए तैयार नहीं थे और किसान उनको लगातार परेशान कर रही थी। ऐसे में जनसंघ ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ देश भर में गेहूं की लेवी आंदोलन चलाया था। इस आंदोलन की अगुवाई की जिम्मेदारी अटल बिहारी वाजपेयी को सौंपी गई थी। वाजपेयी जी के साथ हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आंदोलन को बढ़ता देख कांग्रेस सरकार में खलबली मच गई थी। 

 

गरीब किसानों का हक नहीं मार सकती सरकार- वाजपेयी
गेहूं की लेवी आंदोलन का नेतृत्व करते हुए अटल बिहारी वाजपयी ने कहा था कि सरकार किसानों का हक नहीं मार सकती। उन्होंने तब कहा था कि सरकार किसानों को अपना अनाज बेचने के लिए मजबूर नहीं कर सकती। 

 

नैनी जेल में 5 दिन कैद रहे वाजपेयी
इस आंदोलन में अटल बिहारी वाजपेयी को लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बल प्रयोग किया लेकिन वाजपेयी के साथ सड़कों पर उतरे नौजवान किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हुए। उस समय पुलिस बलपूर्क वाजपेयी को अपने साथ ले गई और कांग्रेस सरकार ने उनको श की सबसे सुरक्षित जिलों में से एक नैनी जेल में करीब 5 दिन कैद करवाए रखा। वाजपेयी के साथ इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता रामाधीन सिंह भी वहीं बंद रहे। वाजपेयी के अलावा पांच सौ लोगों को नैनी जेल में बंद किया गया था। बता दें कि जब केंद्र में भाजपा सरकार आई थी तो  अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने। वाजपेयी जी ने किसानों के हक में कई अहम कदम उठाए थे। किसानों को क्रेडिट कार्ड की सुविधा अटल बिहारी वाजपेयी ने ही शुरू की थी। इतना ही नहीं गेहूं का समर्थन मूल्य 19.6 प्रतिशत बढ़ाकर उन्होंने इतिहास रचा था। इसके अलावा चीनी मिलों को लाइसेंस प्रणाली से मुक्त किया। साथ ही राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना तैयार कराई। वाजपेयी ने सत्ता में रहते हुए गरीब मजदूरों और किसानों के लिए ही काम किया।

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