जब Budget का गणित समझने के लिए लोगों को करना पड़ा संघर्ष

Edited By vasudha,Updated: 02 Feb, 2020 09:59 AM

when people had to struggle to understand the mathematics of budget

बहुत शोर सुनते थे पहलू में दिल का.. इसी तरह जो लोग महीनों से बजट का इंतजार कर रहे थे, अबवो सकते में हैं। करीब-करीब पौने तीन घंटे का बजट भाषण सुनने के बाद ये कहना ही मुश्किल था कि बजट में क्या है और ऐसा क्या है जिससे अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी...

बिजनेस डेस्क: बहुत शोर सुनते थे पहलू में दिल का.. इसी तरह जो लोग महीनों से बजट का इंतजार कर रहे थे, अबवो सकते में हैं। करीब-करीब पौने तीन घंटे का बजट भाषण सुनने के बाद ये कहना ही मुश्किल था कि बजट में क्या है और ऐसा क्या है जिससे अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी। शेयर बाजार ने तो साथ ही साथ दिखा दिया कि उसे कैसा लगा बजट। हालांकि सरकार का कहना है कि ये भारी गिरावट जल्दबाजी का नतीजा है और सोमवार को बजट समझने के बाद रुख बदल सकता है। 

 

जिस हिस्से को सबसे ज्यादा ध्यान से सुना गया वो था इनकम टैक्स का नया गणित। ऐसा लगा कि कुछ तो राहत मिली। लेकिन कुछ ही देर में समझ में आने लगा कि एक हाथ दे दूसरे हाथ ले की कहानी है और इसमें भी देने से ज्यादा लेना ही भारी है। ज्यादातर लोगों के लिए तो ये गणित इतना मुश्किल है कि अब उन्हें एक सीए की जरूरत पड़ेगी ये समझने के लिए कि सारी छूट त्याग कर नया वाला टैक्स सिस्टम मान लें या पुराने रेट पर टैक्स भरकर छूट लेते रहें। कौन-कौन सी छूट चली गई है ये जानकर और झटका लगेगा। शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों के लिए राहत की खबर थी डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स खत्म होना, लेकिन यह उन्हीं कंपनियों के शेयर होल्डरों के लिए तकलीफ बन गई। क्योंकि अब उन्हें जो डिविडेंड मिलेगा उसपर टैक्स देना पड़ेगा। 

 

दूसरा हड़कंप मचा है ये सुनकर कि सरकार जीवन बीमा निगम में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने के लिए आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। हजारों लोग इस फिक्र में डूब गए हैं कि उनकी पॉलिसी के पैसे खतरे में तो नहीं पड़ जाएंगे। बरसों से वो जो पैसा एलआईसी में लगा रहे थे वो डूब तो नहीं जाएगा। तो ये फिक्र त्याग दें। आपके लिए ऐसा कोई खतरा नहीं है। उल्टे ये इस बजट का एक साहस भरा फैसला है। एलआईसी की यूनियन ने इसका विरोध शुरू कर दिया है और विपक्ष भी हल्ला मचा रहा है। लेकिन अगर सरकार ये कदम उठा लेगी तो इसके कई फायदे हैं। एक तो समय रहते कंपनी की हिस्सेदारी बेचकर वो अच्छी कीमत पा सकती है और दूसरे लिस्टिंग के बाद कंपनी का मैनेजमेंट भी ज्यादा जवाबदेह होगा और आपके पैसे का क्या इस्तेमाल होता है ये आप भी देख पाएंगे। 

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