ऑफ द रिकॉर्डः जब श्री श्री रविशंकर रह गए हाथ मलते

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Feb, 2018 09:26 AM

when sri sri ravi shankar left his hand

आर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री रविशंकर अक्सर अन्य तथाकथित साधुओं की तरह दावा करते हैं कि मोदी सरकार को पूर्ण बहुमत के साथ जिताने में उनका भी योगदान है इसलिए मई, 2014 में यमुना किनारे आयोजित होने वाले एक भव्य सम्मेलन जिसकी कई पर्यावरणविदों ने काफी...

नेशनल डेस्कः आर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री रविशंकर अक्सर अन्य तथाकथित साधुओं की तरह दावा करते हैं कि मोदी सरकार को पूर्ण बहुमत के साथ जिताने में उनका भी योगदान है इसलिए मई, 2014 में यमुना किनारे आयोजित होने वाले एक भव्य सम्मेलन जिसकी कई पर्यावरणविदों ने काफी आलोचना की थी, का उद्घाटन कर उनका कर्ज उतारा था। मोदी को इस दौरान कुछ शर्मनाक पलों का सामना करना पड़ा था जब एन.जी.टी. ने आर्ट ऑफ लिविंग पर 5 करोड़ का जुर्माना लगाया था। उसके बाद श्री श्री और भाजपा के संबंधों में थोड़ी शिथिलता आ गई थी लेकिन अब श्री श्री ने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले राम मंदिर के मुद्दे के हल के लिए पहल की और इसके लिए वह मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेताओं व निर्मोही अखाड़े एवं अन्य हिंदू समूहों से भी मिले।

श्री श्री को इस दौरान लगा कि उन्हें भाजपा के बड़े नेताओं से बात करनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने पी.एम.ओ. को संदेश भेजा कि वह मोदी जी से बात करना चाहते हैं। 2 दिनों में उन्होंने 10 बार अपना संदेश पी.एम.ओ. को भेजा लेकिन पी.एम. के संसद सत्र में व्यस्त होने व विदेश यात्राओं के चलते वह श्री श्री से बात के लिए समय नहीं निकाल सके। उसके बाद उन्होंने अमित शाह से बात करने की कोशिश की। जब शाह के सहयोगी ने श्री श्री से पूछा कि आप शाह से क्यों मिलना चाहते हैं तो उन्होंने सारा माजरा बता दिया लेकिन अमित शाह के कार्यालय से भी उन्हें कोई जवाब नहीं मिला जिससे वह हाथ मलते रह गए। भाजपा नेता भी इस बात से हैरान हैं कि श्री श्री रविशंकर राम मंदिर मुद्दे में इतनी रुचि क्यों ले रहे हैं।

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