Edited By vasudha,Updated: 07 Aug, 2019 02:57 PM
वरिष्ठ भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने मंगलवार देर रात अपने निधन से करीब नौ महीने पहले अचानक यह घोषणा कर सियासी गहमागहमी बढ़ा दी थी कि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है...
नेशनल डेस्क: वरिष्ठ भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने मंगलवार देर रात अपने निधन से करीब नौ महीने पहले अचानक यह घोषणा कर सियासी गहमागहमी बढ़ा दी थी कि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। मध्यप्रदेश के पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रचार के लिये यहां पहुंचीं तत्कालीन विदेश मंत्री ने यह घोषणा शहर के एक होटल में 20 नवंबर 2018 को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में की थी।
इस दौरान पूर्व विदेश मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि वैसे तो मेरी चुनावी उम्मीदवारी तय करने का अधिकार मेरी पार्टी के पास है, लेकिन स्वास्थ्य कारणों की वजह से मैंने अपना मन बना लिया है कि मैं अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगी। चश्मदीद लोगों ने बुधवार को बताया कि स्वराज के इस अप्रत्याशित बयान के बाद संवाददाता सम्मेलन में चंद पलों के लिये सन्नाटा छा गया था। इसके बाद संवाददाताओं को इस खबर को अपने संस्थानों तक यथाशीघ्र पहुंचाने की जद्दोजहद करते देखा गया था। कुछ ही देर बाद यह खबर मीडिया और सोशल मीडिया की सुर्खियों में थी।
तत्कालीन विदेश मंत्री ने जब लोकसभा चुनावों की राजनीति से अपने संन्यास की घोषणा की, तब वह मध्यप्रदेश के विदिशा क्षेत्र की सांसद थीं। वह वर्ष 2009 और 2014 में इस लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद के निचले सदन पहुंची थीं। सूबे के विधानसभा चुनावों की सरगर्मियों के बीच आयोजित संवाददाता सम्मेलन में वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा था, "विदिशा से वर्ष 2009 में लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद मैं सदन की नेता प्रतिपक्ष और इसके पश्चात विदेश मंत्री के अहम पदों पर आसीन होने के बावजूद आठ साल तक अपनी संसदीय सीट के आठों विधानसभा क्षेत्रों में हर महीने नियमित तौर पर जाती थी, लेकिन दिसंबर 2016 में किडनी प्रत्यारोपण के बाद मुझे डॉक्टरों ने धूल से बचने की हिदायत दी है। इस कारण मैं पिछले एक साल से (खुले स्थानों पर आयोजित) चुनावी सभाओं में भी भाग नहीं ले पा रही हूं।
स्वराज ने कहा था कि मैं स्वास्थ्य कारणों से खुले स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो सकती। मैं बंद सभागारों में ही कार्यक्रम कर सकती हूं। मैंने अपने नेतृत्व से भी कहा है कि अपने स्वास्थ्य की मर्यादा को देखते हुए मुझे धूल से बचना है। इस बीच, स्वराज के निधन से मध्यप्रदेश के राजनीतिक हलकों में भी शोक की लहर है। राज्य में भाजपा और कांग्रेस समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं ने समाज के प्रति उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।