इलेक्शन डायरी: ... जब राज्यपाल ने सजायाफ्ता अम्मा को बनाया CM, SC ने गद्दी से उतारा

Edited By Pardeep,Updated: 15 May, 2019 10:23 AM

when the governor commits the convicted amma the sc has lifted the throne

दक्षिण भारत के फिल्मी सितारे स्क्रीन पर ऐसे-ऐसे करतब दिखाते हैं जिन्हें देखकर कोई भी दांतों तले उंगली दबा ले लेकिन ऐसे करतब सिर्फ दक्षिण भारत की फिल्मों में ही नहीं बल्कि सियासत में भी होते हैं। इसका उदाहरण जयललिता रही हैं जो अदालत से अपराधी घोषित...

इलेक्शन डेस्क: दक्षिण भारत के फिल्मी सितारे स्क्रीन पर ऐसे-ऐसे करतब दिखाते हैं जिन्हें देखकर कोई भी दांतों तले उंगली दबा ले लेकिन ऐसे करतब सिर्फ दक्षिण भारत की फिल्मों में ही नहीं बल्कि सियासत में भी होते हैं। 
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इसका उदाहरण जयललिता रही हैं जो अदालत से अपराधी घोषित होने के बाद 4 सीटों से नामांकन पत्र दायर करती हैं और चारों सीटों से नामांकन रद्द होने के बाद भी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेती हैं। बिना विधायक का चुनाव लड़े सी.एम. बनने के कारण इस्तीफा देती हैं और फिर उपचुनाव लड़ती हैं तथा फिर जीतकर मुख्यमंत्री बनती हैं। यह मामला 2001 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव का है। 
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ए.आई.ए.डी.एम.के. प्रमुख जयललिता ने तमिलनाडु की अंडीपती, कृष्णागिरि, पुड्डुकटोई और भुवनगिरि सीटों से नामांकन पत्र दायर कर दिया लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर ने उनके चारों सीटों से नामांकन पत्र रद्द कर दिए। दरअसल उस दौर में उन पर ‘तांसी’ जमीन घोटाले के आरोप थे और निचली अदालत से उन्हें 2 साल से ऊपर की सजा हो चुकी थी और उनकी सजा पर रोक लगाने के लिए मद्रास हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका रद्द कर दी गई थी लेकिन इसके बावजूद उन्होंने चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया और नामांकन पत्र दायर कर दिए। 
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चुनाव में अम्मा की पार्टी को भारी बहुमत हासिल हुआ तथा राज्यपाल ने उन्हें सजायाफ्ता होने के बावजूद मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई लेकिन वह ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री नहीं रह सकीं और सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल द्वारा अम्मा की बतौर मुख्यमंत्री नियुक्ति को अवैध बताते हुए रद्द कर दिया। अम्मा के इस्तीफे के बाद ओ. पन्नीरसेल्वम को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अम्मा द्वारा सजा के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में उन्हें राहत मिली और उनके चुनाव लडऩे का रास्ता साफ हुआ और वह अंडीपती सीट से 40,000 से अधिक मतों से जीत कर 2002 में फिर से मुख्यमंत्री बनीं।     

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