Edited By vasudha,Updated: 18 Mar, 2019 12:17 PM
देश में आम चुनाव होने जा रहे हैं। कौन बनेगा प्रधानमंत्री का सवाल हर गली-नुक्कड़ पर चर्चा का विषय है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि देश में ऐसा भी समय रहा है जब करीब दो दशक तक एक नहीं दो-दो प्रधानमंत्री होते थे ? जी हां 1948 से लेकर 1965 तक देश में...
नेशनल डेस्क (संजीव शर्मा): देश में आम चुनाव होने जा रहे हैं। कौन बनेगा प्रधानमंत्री का सवाल हर गली-नुक्कड़ पर चर्चा का विषय है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि देश में ऐसा भी समय रहा है जब करीब दो दशक तक एक नहीं दो-दो प्रधानमंत्री होते थे ? जी हां 1948 से लेकर 1965 तक देश में दो-दो प्रधानमंत्री होते थे। दिलचस्प ढंग से इस बीच तीन आम चुनाव भी हो हुए लेकिन व्यवस्था यही रही। क्या है दो -दो प्रधानमंत्रियों की कहानी आइये जानते हैं।
यह उन दिनों की बात है जब अगस्त 1947 में हिंदुस्तान के आज़ाद होने के बाद भी कश्मीर अलग रियासत बना हुआ था। इसी बीच पाकिस्तानी सेना ने कबायलियों की मदद से कश्मीर पर कब्जे का प्रयास किया। ऐसे में कश्मीर के महाराजा हरी सिंह ने भारत से मदद मांगी। हालांकि हरि सिंह अभी भी कश्मीर को अलग रियासत बनाये रखना चाहते थे। इसलिए उन्होंने हिंदुस्तान के साथ "लेटर ऑफ़ ऐक्सेशन" पर हस्ताक्षर किये। इसके तहत कश्मीर सशर्त हिंदुस्तान का हिस्सा बन गया। शर्तों में उसे विशेष दर्जा देना तय हुआ था। इसके बाद नेहरू और पटेल ने मेहर चंद महाजन को कश्मीर का प्रधानमंत्री बनाकर भेजा।
5 अक्टूबर 1947 को मेहर चंद महाजन कश्मीर के प्राइम मिनिस्टर बने थे। उनका यह कार्यकाल 5 मार्च 1948 तक रहा। मेहर चंद महाजन बाद में देश के तीसरे चीफ जस्टिस भी बने थे। उन्होंने महाराजा हरिसिंह को हिंदुस्तान में कश्मीर के विलय के लिए मनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालांकि उनके बाद भी जम्मू कश्मीर में करीब 18 साल तक अलग से प्रधानमंत्री बनता रहा। दिल्ली की ही तरह श्रीनगर में भी प्रधानमंत्री कार्यालय हुआ करता था और वह नेहरू-शास्त्री के दफ्तर की ही तरह चलता था। उधर करीब-करीब ऐसी ही व्यवस्था राज्यपाल को लेकर भी थी जिसे राज्यपाल के बजाए सदर-ए-रियासत कहा जाता था। एक तरह से यह व्यवस्था भी राष्ट्रपति के समक्ष थी। 1965 में दिल्ली ने अनुच्छेद 370 में बदलाव किये और कश्मीर में प्रधानमंत्री और सदर-ए -रियासत की प्रथा समाप्त हो गयी। इसका स्थान मुख्यमंत्री और राज्यपाल के पदों ने ले लिया। लेकिन इस बीच कश्मीर में पांच प्रधानमंत्री हुए। 30 मार्च 1965 को जब व्यवस्था बदली तब तत्कालीन प्रधानमंत्री गुलाम मुहम्मद सादिक को कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री की शपथ दिलाई गयी।
कौन-कौन रहे कश्मीर के प्रधान मंत्री
क्रम नाम कार्यकाल
1 मेहर चंद महाजन 15अक्टूबर 1947 – 5मार्च 1948
2 शेख अब्दुल्लाह 5 मार्च 1948 – 9 अगस्त 1953
3 बक्शी गुलाम मुहम्मद 9 अगस्त 1953 –12 अक्टूबर 1963
4 ख्वाज़ा शम्सुद्दीन 12 अक्टूबर 1963 – 29 फरवरी 1964
5 गुलाम मुहम्मद सादिक़ 29 फरवरी 1964 – 30 मार्च 1965