वाजपेयी ने कराया था जब पोखरण टेस्ट, उड़ गए थे पूरी दुनिया के होश

Edited By Seema Sharma,Updated: 16 Aug, 2018 03:26 PM

when vajpayee had done pokhran test

र्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 11 मई, 1998 को पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था। अचानक किए गए इस पोखरण परीक्षण से अमेरिका, पाकिस्तान समेत कई देश चौंक गए थे। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की अगुवाई में इस परीक्षण को अंजाम...

नेशनल डेस्क: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 11 मई, 1998 को पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था। अचानक किए गए इस पोखरण परीक्षण से अमेरिका, पाकिस्तान समेत कई देश चौंक गए थे। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की अगुवाई में इस परीक्षण को अंजाम दिया गया था। वाजपेयी से पहले इंदिरा गांधी की सरकार ने 1974 में पहला परमाणु परीक्षण (पोकरण-1) किया था और इसे ऑपरेशन 'स्माइलिंग बुद्धा' नाम दिया गया था। परीक्षण के लिए पोखरण को इसलिए चुना गया था क्योंकि यहां मानव बस्ती बहुत दूर थी। जैसलमेर से 110 किमी दूर जैसलमेर-जोधपुर मार्ग पर पोखरण एक प्रमुख कस्बा है।
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अमेरिका को नहीं लगने दी भनक

  • 1996 में हुए आम चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला तो तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी भाजपा के नेता अटल बिहारी वाजपेयी को सरकार बनाने का न्यौता दिया। 16 मई, 1996 को नई सरकार का गठन हुआ।
  • 1998 में वाजपेयी सरकार ने पोखरण परीक्षण करने की सोची।  11 मई और 13 मई 1998 को पांच परमाणु परीक्षण किए।
  • 11 मई को 3 बजकर 45 मिनट पर तीन परीक्षण किए गए। जबकि, 12 मई को बाकी दो परीक्षण हुए।
  • अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA भारत पर नजर रखे हुए थी और उसने पोखरण पर निगरानी रखने के लिए 4 सैटलाइट लगाए थे। लेकिन भारत ने CIA और उसके सैटलाइटों को चकमा देते हुए परमाणु परीक्षण किया।
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  • इन परमाणु परीक्षण के बाद जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित प्रमुख देशों द्वारा भारत के खिलाफ विभिन्न प्रकार के प्रतिबंधों लगाए गए।
  • यह परीक्षण पूरी तरह से गुप्त था। सिर्फ पांच लोग ही इस बारे में जानते थे। इस परीक्षण पर बात करने के लिए वैज्ञानिक कोड भाषा का इस्तेमाल करते थे।
  • जिस दिन यह परीक्षण किया गया उस दिन सभी वैज्ञानिकों को आर्मी की वर्दी में लाया गया ताकि सभी को यही लगे कि सेना के जवान यहां ड्यूटी पर तैनात हैं।
  • मिसाइलमैन' अब्दुल कलाम भी सेना की वर्दी में आए थे। इस परीक्षण के बाद कलाम और उनकी टीम की वर्दी में तस्वीरें भी सामने आई थीं।
  • परमाणु बमों को 11 मई को तड़के करीब तीन बजे मुंबई से भारतीय वायु सेना के प्लेन से जैसलमेर बेस लाया गया था। पोखरण में पहले बड़े-बड़े कुएं खोदे गए और इनमें परमाणु बम रखे गए।
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  • भारत के इस परीक्षण से सबसे ज्यादा दिक्कत पाकिस्तान और चीन को आई। पाकिस्तान भारत की बढ़ती ताकत से घबरा गया और सबसे ज्यादा इस बात से हैरान हुआ कि उस समय सबसे ज्यादा ताकतवर देश अमेरिका के खिलाफ जाकर उसने यह परीक्षण किया।
  • हालांकि वाजपेयी ने पहले ही कह दिया था कि इन परमाणु बमों से किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।  
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