'सरकार के पास बहुमत है या नहीं, ये विधानसभा में होगा तय', प्रेस-कॉन्फ्रेंस कर बोले शरद पवार

Edited By Yaspal,Updated: 23 Jun, 2022 09:28 PM

whether the government has majority or not it will be decided in the assembly

महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संकट के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार पहली बार मीडिया के सामने आए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी सरकार (एमवीए) के भाग्य का फैसला विधानसभा में...

नेशनल डेस्कः महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संकट के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार पहली बार मीडिया के सामने आए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी सरकार (एमवीए) के भाग्य का फैसला विधानसभा में होगा और शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन विश्वास मत में बहुमत साबित करेगा। शिवसेना सरकार के मंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना के कई विधायकों के विद्रोह के कारण हुई राजनीतिक उथल-पुथल के बीच एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, पवार ने यह भी कहा कि भाजपा ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के समक्ष उत्पन्न संकट में भूमिका निभाई है।

पवार ने कहा, 'एमवीए सरकार के भाग्य का फैसला विधानसभा में होगा, न कि गुवाहाटी में (जहां विद्रोही डेरा डाले हुए हैं)। एमवीए सदन पटल पर अपना बहुमत साबित करेगा।' वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या एमवीए अब अल्पमत में आ गया है, क्योंकि शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोही गुट ने शिवसेना के 37 विधायकों और 10 निर्दलीय विधायकों के समर्थन का दावा किया है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि उन्हें शिवसेना के भीतर विद्रोह में भाजपा की भूमिका नजर नहीं आती, पवार ने कहा कि वह अपने भतीजे से सहमत नहीं हैं।

शरद पवार ने कहा, ''अजीत पवार ने ऐसा इसलिए कहा होगा, क्योंकि वह महाराष्ट्र के बाहर के भाजपा नेताओं को नहीं जानते हैं। मैं उन्हें जानता हूं। यहां तक ​​कि एकनाथ शिंदे ने भी कहा है कि एक राष्ट्रीय पार्टी ने उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।'' उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) कांग्रेस और राकांपा जैसे अन्य राष्ट्रीय दलों की एमवीए को अस्थिर करने में कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि शिंदे केवल भाजपा का जिक्र कर रहे थे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बागी विधायकों को मुंबई वापस आना होगा और विधानसभा का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि गुजरात और असम के भाजपा नेता उनका मार्गदर्शन करने के लिए यहां नहीं आएंगे। पवार ने शिवसेना के बागी विधायकों के आरोपों का भी खंडन किया कि उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए धन प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना इसलिए करना पड़ा, क्योंकि वित्त मंत्रालय राकांपा के अजीत पवार द्वारा नियंत्रित है और उन्होंने उनके साथ भेदभाव किया है।

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