कौन है पवन जल्लाद जिसने लटकाया निर्भया के दोषियों को फांसी पर, जाने सबकुछ यहां

Edited By Yaspal,Updated: 20 Mar, 2020 07:13 AM

who is pawan hangman who hanged nirbhaya s culprits on death row

आखिरकार सात साल तीन महीने के लंबे इंतजार के बाद निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया। इन चारों पवन जल्लाद ने को फांसी देने का काम किया, जिसकी चार पीढ़ियां यही काम करती रही हैं। वो उत्तर प्रदेश सरकार की मेरठ जेल से जुड़ा अधिकृत जल्लाद है। उसे...

नेशनल डेस्कः आखिरकार सात साल तीन महीने के लंबे इंतजार के बाद निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया। इन चारों पवन जल्लाद ने को फांसी देने का काम किया, जिसकी चार पीढ़ियां यही काम करती रही हैं। वो उत्तर प्रदेश सरकार की मेरठ जेल से जुड़ा अधिकृत जल्लाद है। उसे हर महीने एक तय रकम वेतन के रूप में भी मिलता है। पवन जल्लाद मेरठ का रहने वाला है। हालांकि इस शहर में उसे शायद ही कोई पहचानता हो। पार्ट टाइम में वो इस शहर में साइकिल पर कपड़ा बेचने का का काम करता है।
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भारत में इस समय इक्का-दुक्का अधिकृत जल्लाद ही बचे हैं, जो ये काम कर रहे हैं। पवन इस समय करीब 57 साल के हैं। फांसी देने के काम को वो महज एक पेशे के तौर पर देखते हैं। उनका कहना है कि कोई व्यक्ति न्यायपालिका से दंडित हुआ होगा और उसने वैसा काम किया होगा, तभी उसे फांसी की सजा दी जा रही होगी, लिहाजा वो केवल अपने पेशे को ईमानदारी से निभाने का काम करता है।
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इस काम से जुड़े हुए पवन जल्लाद को चार दशक से कहीं ज्यादा हो चुके हैं।  वह अपने दादा कालू जल्लाद के साथ फांसी के काम में उन्हें मदद करता था। कालू जल्लाद ने अपने पिता लक्ष्मण सिंह के निधन के बाद 1989 में ये काम संभाला था। कालू ने अपने करियर में 60 से ज्यादा लोगों को फांसी दी। इसमें इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत सिंह और केहर सिंह को दी गई फांसी शामिल है। इससे पहले रंगा और बिल्ला को भी फांसी देने का काम कालू जल्लाद ने ही किया था।
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पवन का दावा है कि उसके बाबा लक्ष्मण सिंह ने अंग्रेजों के जमाने में लाहौर जेल में जाकर भगत सिंह और उनके साथियों को फांसी दी थी। पवन के परिवार में नौ सदस्य है। बताया गया कि उनके सात बच्चे हैं। जिनमें पांच बेटी और दो बेटे हैं। वह चार बेटियों की शादी कर चुके हैं। अभी एक बेटी और दो बेटों की शादी होनी है। हालांकि ये तय है कि उनका बेटा जल्लाद नहीं बनने वाला, क्योंकि वो ये काम नहीं करना चाहता।
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गौरतलब है कि इन दरिंदों ने 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल छात्रा निर्भया से दुष्कर्म कर उसकी नृशंस हत्या कर दी थी। इसके अलावा पीड़िता को चलती बस से फेंक दिया था। इस दौरान पीड़िता को गंभीर चोटें आईं थी। सिंगापुर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।

 

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