Edited By vasudha,Updated: 07 Aug, 2020 10:22 AM
कोरोना के संकट से दुनिया को बचाने के लिए वैज्ञानिक वैक्सीन तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हालांकि वैक्सीन का विकास इतना आसान नहीं है, इसे बनाने के लिए सालों लग सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इस बात को दोहराते हुए कहा कि...
इंटरनेशनल डेस्क: कोरोना के संकट से दुनिया को बचाने के लिए वैज्ञानिक वैक्सीन तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हालांकि वैक्सीन का विकास इतना आसान नहीं है, इसे बनाने के लिए सालों लग सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इस बात को दोहराते हुए कहा कि वैक्सीन कोरोना को खत्म करने में कामयाब होगी इस बात की कोई गारंटी नहीं है।
WHO का कहना है कि दुनिया भर में फिलहाल 165 वैक्सीन पर काम चल रहा है। इस वक्त 26 वैक्सीन ऐसे हैं जिसके क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं। WHo के मुताबिक फेज 3 में बड़े संख्या में लोगों पर ट्रायल किए जाते हैं, जिससे पता लगाया जाता है कि आखिर ये वैक्सीन लंबे समय तक और ज्यादा से ज्यादा लोगों पर काम कर रहा है या नहीं। हालांकि इसके साथ ही WHo का कहना है कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि इनमें से कोई टीका काम करेगा या नहीं।
कैसे होता है ट्रायल
इंसानों पर परीक्षण की प्रक्रिया भी तीन चरणों में पूरी होती है। पहले चरण में भाग लेने वाले लोगों की संख्या बहुत छोटी होती है और वे स्वस्थ होते हैं। दूसरे चरण में परीक्षण के लिए भाग लेने वाले लोगों की संख्या ज़्यादा रहती है और कंट्रोल ग्रुप्स होते हैं ताकि ये देखा जा सके कि वैक्सीन कितना सुरक्षित है। प्रयोग के तीसरे चरण में ये पता लगाया जाता है कि वैक्सीन की कितनी खुराक असरदार होगी। बता दें कि महज तीन महीने के भीतर कोविड-19 की वैक्सीन पर काम कर रही 90 रिसर्च टीमों में से छह उस मुकाम पर पहुंच गई हैं जिसे एक बहुत बड़ा लक्ष्य माना जाता है।