ऑफ द रिकॉर्डः CVC संजय कोठारी ने क्यों घटाया अपना कार्यकाल?

Edited By Seema Sharma,Updated: 20 Feb, 2020 10:59 AM

why did cvc sanjay kothari reduce his tenure

हरियाणा काडर के रिटायर्ड आई.ए.एस. अधिकारी संजय कोठारी नए मुख्य सतर्कता आयुक्त नियुक्त हुए हैं और उनकी इस नियुक्ति के पीछे भी एक किस्सा है। उनकी नियुक्ति 3 सदस्यीय हाई पावर्ड पैनल द्वारा की गई जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री मोदी थे तथा पैनल में गृहमंत्री...

नेशनल डेस्कः हरियाणा काडर के रिटायर्ड आई.ए.एस. अधिकारी संजय कोठारी नए मुख्य सतर्कता आयुक्त नियुक्त हुए हैं और उनकी इस नियुक्ति के पीछे भी एक किस्सा है। उनकी नियुक्ति 3 सदस्यीय हाई पावर्ड पैनल द्वारा की गई जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री मोदी थे तथा पैनल में गृहमंत्री अमित शाह और सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता अधीररंजन चौधरी शामिल थे। वह एक समझदार वरिष्ठ अधिकारी हैं और उन्होंने सभी सरकारों के तहत काम किया है। पीएम मोदी उनसे खुश थे और उन्होंने उन्हें 2017 में 3 वर्ष के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का सचिव नियुक्त किया था लेकिन 2020 में जब उनका कार्यकाल समाप्त होने वाला था तो मोदी ने उन्हें जुलाई 2022 तक एक्सटैंशन दे दी। यह कार्यकाल राष्ट्रपति के रिटायर होने तक का था। यहां तक तो सब ठीक था।

 

सी.वी.सी. के पद के लिए छांटे गए नामों में उनका कोई जिक्र नहीं था क्योंकि उन्होंने इसमें रुचि दिखाई थी इसलिए उन्हें एक्सटैंडिड लिस्ट में रखा गया था। यदि वह राष्ट्रपति के सचिव के पद पर बने रहते तो उनका कार्यकाल जुलाई 2022 तक होता लेकिन अब सी.वी.सी. के तौर पर उनका कार्यकाल जून 2021 तक होगा। एक प्रकार से उन्होंने अपना कार्यकाल 13 महीने घटा लिया है। नियमों के तहत सी.वी.सी. को 5 वर्ष अथवा जब तक उसकी उम्र 65 वर्ष न हो जाए, इनमें से जो भी पहले हो, के लिए नियुक्त किया जाता है। कोठारी जून, 2021 में 65 वर्ष के हो जाएंगे। यह हैरानीजनक है कि वह सचिव के तौर पर राष्ट्रपति भवन छोड़ेंगे और सी.वी.सी. के पद पर ज्वाइन करके अपना ही कार्यकाल घटा लेंगे।

 

दिलचस्प बात यह भी है कि वह हरियाणा के अपने ही एक साथी शरद कुमार का स्थान लेंगे जो पिछले 8 माह से अंतरिम मुख्य सतर्कता आयुक्त हैं। कुमार हरियाणा काडर के पूर्व आई.पी.एस. अधिकारी हैं। दूसरी रोचक बात यह है कि कोठारी को अधीररंजन चौधरी के द्वारा चयन प्रक्रिया पर विरोध के बाद चुना गया। चौधरी ने इस आधार पर विरोध किया था कि सर्च कमेटी द्वारा उन्हें  कोई  रिपोर्ट  नहीं भेजी गई।

 

चौधरी ने इस बात पर हैरानी जताई थी कि वित्त सचिव राजीव कुमार सी.वी.सी. के तौर पर नम्बर वन पोजीशन के लिए स्वयं का चयन कैसे कर सकते हैं जबकि वह खुद जांच कमेटी का हिस्सा हैं जिसमें कैबिनेट सचिव और कार्मिक सचिव भी शामिल हैं। राजीव कुमार ने 2 अन्य लोगों के साथ 100 आवेदकों में स्वयं का चुनाव किया। इस मौके पर, प्रधानमंत्री चौधरी द्वारा उठाए गए मुद्दे पर सहमत हो गए और राजीव कुमार का नाम सिलैक्शन पैनल से हटा दिया गया तथा संजय कोठारी को सी.वी.सी. नियुक्त कर लिया गया।

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