वित्त मंत्री क्यों साथ लेकर आते हैं लाल सूटकेस; पढ़ें, बजट से जुड़ी कुछ खास बातें

Edited By Seema Sharma,Updated: 01 Feb, 2019 11:29 AM

why do the finance ministers bring red suitcases together

मोदी सरकार आज संसद में अपना अंतरिम बजट पेश करने जा रही है। पंरपरा के मुताबिकवित्त मंत्री पीयूष गोयल लाल रंग का सूटकेस लेकर संसद भवन पहुंचे। बजट में जनता को क्या मिलेगा ये तो सवाल बाद में है

नई दिल्ली: मोदी सरकार आज संसद में अपना अंतरिम बजट पेश करने जा रही है। पंरपरा के मुताबिकवित्त मंत्री पीयूष गोयल लाल रंग का सूटकेस लेकर संसद भवन पहुंचे। बजट में जनता को क्या मिलेगा ये तो सवाल बाद में है लेकिन जो एक बात दिमाग में कौंधती है वो ये कि आखिर उस लाल रंग के सूटकेस में होता क्या जो वित्त मंत्री के हाथ में होता है। तो आपको बताते हैं कि आखिर उस सूटकेस में क्या होता और क्यों वित्त मंत्री बड़े ही गर्व से मीडिया के सामने इसको लेकर फोटो खिंचवाते हैं। दरअसल, उस बक्से में उस स्पीच से जुड़ी बातों का ब्यौरा होता है, जो वित्त मंत्री बजट पेश करने से पहले संसद में पढ़ कर सुनाते हैं।
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सूटकेस की कहानी पुरानी: कहा जाता है कि 1860 में ब्रिटेन के ‘चांसलर ऑफ दी एक्‍सचेकर चीफ’ विलियम एवर्ट ग्‍लैडस्‍टन फाइनेंशियल पेपर्स के बंडल को लेदर बैग में लेकर आए थे। तभी से ये परंपरा चल रही है। उस समय इन पेपर्स पर ब्रिटेन की क्‍वीन का सोने में मोनोग्राम था। खास बात यह है कि क्‍वीन ने बजट पेश करने के लिए लेदर का यह सूटकेस खुद ग्‍लैडस्‍टन को दिया था। ग्‍लैडस्‍टन की बजट स्‍पीच काफी लंबी होती थी, जिसके लिए कई सारे फाइनेंशियल डाक्‍यूमेंट्स और पेपर्स की जरूरत होती थी। वो इसी सूटकेस में बजट की स्पीच लेकर आते थे। तभी से बजट पर लंबी स्पीच की परंपरा चल पड़ी। यूके के वित्त मंत्री अपने साथ लाल रंग के लेदर सूटकेस का इस्तेमाल करते हैं।
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हलवा सेरेमनीः बजट पेश करने से कुछ दिन पहले सरकार हलवा सेरेमनी करती है। वित्त मंत्रालय के बेसमेंट में बजट के डॉक्यूमेंट्स की आधिकारिक छपाई 1 हफ्ते पहले शुरू हो जाती है और इसकी शुरुआत हलवा सेरेमनी से होती है। यह हलवा वित्त मंत्रालय के करीब 100 अधिकारियों में बांटा जाता है।

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समय और दिन में बदलाव: केंद्रीय बजट को तैयार करने में करीब 5 से 7 महीने का समय लगता है जिस कारण इसे फरवरी के आखिरी दिन पेश किया जाता था लेकिन 2017 में मोदी सरकार ने पंरपरा को बदलते हुए इसकी तारीख 1 फरवरी कर दी। जिसके बाद से अब बजट 1 फरवरी को पेश होता है। वहीं 1999 तक केंद्रीय बजट शाम 5 बजे घोषित किया जाता था लेकिन 2001 में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने भी पुरानी परंपरा को खत्म करते हुए इसे सुबह 11 बजे पेश किया। तब अब तक यह सुबह 11 बजे पेश होता है।
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स्पीचः बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री पहले स्पीच देते हैं जिसमें प्रसिद्ध लोगों के विचारों के बारे में बताया जाता हैं उनको कोट्स बताए जाते हैं। आमतौर पर बजट स्पीच एक घंटे तक की होती है लेकिन कई बार मंत्री लंबा भाषण भी दे देते हैं और छोटा भी। मनमोहन सिंह ने सबसे लंबा भाषण 1991 (18,650 शब्दों) में दिया गया था। सबसे छोटा भाषण साल 1977 में हिरूभाई एम पटेल ने 800 शब्दों का दिया था। वहीं पिछले साल वित्त मंत्री अरुण जेटली ने करीब 18,604 शब्दों में भाषण दिया था।
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लॉक रहते हैं कर्मचारी: बजट पेश होने तक कर्मचारियों को नॉर्थ ब्लॉक के अंदर लॉक कर दिया जाता है। जब तर बजट पेश नहीं हो जाता किसी को भी परिसर छोड़ने की अनुमति नहीं होती। उनसे फोन आदि सब सुविधाएं ले ली जाती हैं ताकि वे किसी से संपर्क न कर सकें। इतना ही नहीं कर्मचारियों को खाना देने से पहले उसकी भी जांच होती है और वहां डॉक्टर मौजूद रहते हैं।

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