Edited By Yaspal,Updated: 11 Jul, 2020 06:48 PM
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम केयर्स फंड को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक खबर का लिंक शेयर करते हुए कहा कि पीएम उन लोगों के नाम का खुलासा करने से क्यों डरते हैं, जिन्होंने पीएम केयर्स फंड में दान दिया है? राहुल गांधी ने...
नई दिल्लीः पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम केयर्स फंड को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक खबर का लिंक शेयर करते हुए कहा कि पीएम उन लोगों के नाम का खुलासा करने से क्यों डरते हैं, जिन्होंने पीएम केयर्स फंड में दान दिया है? राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि पीएम उन लोगों के नाम का खुलासा करने से क्यों डरते हैं, जिन्होंने पीएमकेयर के लिए उन्हें पैसे दान किए? सभी जानते हैं कि चीनी कंपनियां Huawei, Xiaomi, TikTok और OnePlus ने पैसा दिया था। वह विवरण क्यों साझा नहीं करते हैं?
बता दें कि लोक लेखा समिति कोरोना वायरस को लेकर सरकार द्वारा उठाए कदमों और इस संकट से निपटने के लिए बनाए गए नए पीएम केयर्स फंड ने जांच करने के लिए बैठक हुई, लेकिन यह समिति आम सहमति बनाने में नाकाम रही, जिसके बाद अब जांच नहीं होगी। समिति बैठक में इस मामले में सभी सदस्यों की सर्वसम्मति बनाने में नाकाम रही। लोक लेखा समिति, सबसे अहम संसदीय समितियों में से एक है। यह ऑडिटर जनरल की ओर से पेश रिपोर्टों की जांच-पड़ताल करती है। पीएसी 2जी स्पेक्ट्रम जैसे अहम मामले की जांच कर चुकी है।
लोक लेखा समिति के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने सदस्यों से देश के बारे में सोचने और अपनी अंतरात्मा से काम करने और इस महत्वपूर्ण विषय पर आम सहमति बनाने की अपील की थी। चौधरी लोकसभा में कांग्रेस के नेता हैं। सूत्रों के मुताबिक, पीएसी में बैठक में शामिल बीजेपी सदस्य स्पष्ट तौर पर कोरोना संकट के सरकारी प्रबंधन के जांच-पड़ताल के अधीर रंजन चौधरी के प्रस्ताव को रोक दिया। बैठक में पीएसी में शामिल बीजेपी के सभी सदस्य मौजूद थे।
संसदीय समिति की बैठक में बीजेपी की अगुवाई कर रहे वरिष्ठ नेता भूपेंद्र यादव ने पीएम केयर्स फंड की जांच पड़ताल के प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि पीएम केयर्स की फंडिंग संसद द्वारा स्वीकृत नहीं है और इस वजह से लोक लेखा समिति इस मामले की जांच नहीं कर सकती है। इस फैसले के बाद, लोक लेखा समिति दुनिया के सबसे बड़े लॉकडाउन और कोरोनावायरस से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जांच-पड़ताल और विश्लेषण नहीं कर पाएगी।