Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Mar, 2018 09:36 AM
तेदेपा ने एन.डी.ए. से हटने की जब घोषणा की तब यह मालूम नहीं हुआ कि आखिर चंद्रबाबू नायडू ने यह फैसला क्यों किया। यहां तक कि मंत्रियों के इस्तीफे के 2 दिन बाद तक चंद्रबाबू नायडू और उनकी पार्टी के नेता यह बोलते रहे कि वे गठबंधन में रहेंगे। अब सवाल उठता...
हैदराबाद: तेदेपा ने एन.डी.ए. से हटने की जब घोषणा की तब यह मालूम नहीं हुआ कि आखिर चंद्रबाबू नायडू ने यह फैसला क्यों किया। यहां तक कि मंत्रियों के इस्तीफे के 2 दिन बाद तक चंद्रबाबू नायडू और उनकी पार्टी के नेता यह बोलते रहे कि वे गठबंधन में रहेंगे। अब सवाल उठता है कि 2 दिन के अंदर ऐसा क्या हो गया कि उन्हें यह फैसला लेना पड़ गया। इस संबंध में तेदेपा के वरिष्ठ नेता का कहना है कि हमारी सहयोगी जनसमता पार्टी ने भाजपा की शह पर हमारी पार्टी के नेताओं यहां तक चंद्रबाबू नायडू के बेटे पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाने शुरू कर दिए थे।
इसके 2 दिन बाद ही हमने गठबंधन से हटने का मन बना लिया था। उस नेता का कहना था कि भाजपा आंध्र प्रदेश में हमारे कुछ नेताओं को तोडऩे की फिराक में थी जिसके चलते 4 मार्च को ही तय हो गया था कि अब हमने क्या करना है। एक अन्य नेता का कहना था कि 2014 की तरह वह आगामी लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेंगे।